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Bangladesh: बांग्लादेश में भारत और PM मोदी के विरोध में हुई हिंसा में आया पाकिस्तान का हाथ!

Bangladesh Violence: इस पूर्व-नियोजित नरसंहार के दौरान एशिया के सबसे बड़े मंदिर आनंदमयी काली मंदिर को भी खासी क्षति हुई और लूटपाट की गई। इसके अलावा इस हिंसा में निजी संपत्ति, पुलिस और अग्निशमन सेवा के वाहन, सांस्कृतिक प्रतिष्ठान और सरकारी संपत्तियां को भी खासा नुकसान हुआ।

नई दिल्ली। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ढाका यात्रा के विरोध में 26 मार्च से हिफाजत-ए-इस्लाम आतंकवादी समूह द्वारा पूरे बांग्लादेश में किए गए हिंसक विरोध प्रदर्शन के मामलों में करीब 14 हजार लोगों को आरोपी बनाया गया है। विरोध के दौरान हुई हिसा में 14 लोग मारे गए हैं, इनमें से 10 ब्राहणबेरिया के और 4 चटगांव के हैं। वहीं अब इस मामले में पाकिस्तानी हाथ होने का मामला सामने आया है। बता दें कि सामने आई जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश में भारत और पीएम मोदी के विरोध में जो हिंसक प्रदर्शन हुए उसमें पाकिस्तान का कनेक्शन है। कट्टरपंथियों को फंड देने के साथ पाकिस्तान उनकी हर तरह से मदद कर रहा है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के 50 साल पूरे होने और बांग्लादेश के फादर ऑफ द नेशन शेख मुजीबुर रहमान के जन्मदिवस पर बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा पर गए थे। बांग्लादेश में पीएम मोदी के इस दौरे के बाद अलग-अलग स्थानों पर हिंसक झड़प हो रही है।

Modi hasina india bangladesh

इन हिंसक झड़पों को लेकर सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है। बता दें कि जमात और BNP के लोग हिंसक झड़प कर रहे हैं और इसके पीछे पाकिस्तानी एंगल भी सामने आ रहा है। इस बीच इसे लेकर बांग्लादेश की पार्लियामेंट ने एक ट्वीट भी किया था, जिसमें पाकिस्तान हाई कमीशन और कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम के बीच संबंध को बताया गया था।

Bangladesh riots

बांग्लादेश की पार्लियामेंट ने लिखा था, ‘हिफाजत-ए-इस्लाम को पाकिस्तान हाई कमीशन ढाका फंड मुहैया करवा रहे हैं, जिसकी वजह से भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रदर्शन किया जा सके, लेकिन हम साफ कर दें कि हम सेकुलर और लोकतांत्रिक देश हैं, जो इस तरह के कृत्य की निंदा करते हैं।’ हालांकि इसके कुछ देर बाद ही, ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया। और अगले ट्वीट में कहा गया कि पाकिस्तान का कृत्य शर्मनाक है।

Bangladesh riots station

बता दें कि इस पूर्व-नियोजित नरसंहार के दौरान एशिया के सबसे बड़े मंदिर आनंदमयी काली मंदिर को भी खासी क्षति हुई और लूटपाट की गई। इसके अलावा इस हिंसा में निजी संपत्ति, पुलिस और अग्निशमन सेवा के वाहन, सांस्कृतिक प्रतिष्ठान और सरकारी संपत्तियां को भी खासा नुकसान हुआ। साथ ही हथाजारी और ब्रह्मणबेरिया के भूमि कार्यालयों के सभी दस्तावेजों में आग भी लगा दी गई। ब्राह्मणबेरिया में 3 दिनों तक कोई पुलिसकर्मी या अग्निशमन अधिकारी नहीं थे।