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Nepal: काठमांडू में पानी पुरी हुआ बैन, हैजा के कई मामले सामने आने के बाद लिया गया फैसला

Nepal: दूषित पानी और भोजन हैजा फैलने की मुख्य वजहों में से एक है। इसके अलावा, ये बीमारी गंदे हाथों और नाखूनों के जरिए भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचती है, जिसकी वजह से गंभीर दस्त की समस्या का सामना करना पड़ता है। दस्त होने की वजह से डीहाइड्रेशन की स्थिति पैदा हो जाती है।

नई दिल्ली। पड़ोसी देश नेपाल की राजधानी काठमांडू के ललितपुर मेट्रोपॉलिटन सिटी में पानी पुरी बेचने पर रोक लगा दी गई है। ये फैसला घाटी में हैजा के 12 मामलों के सामने आने के बाद लिया गया है। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को पानी पुरी को बैन करने का फैसला इसलिए लेना पड़ा क्योंकि, इसके लिए इस्तेमाल होने वाले पानी में बैक्टीरिया पाए गए। सिटी पुलिस के हेड सीताराम हचेथु ने जानकारी देते हुए कहा कि ”घाटी में हैजा के खतरे को देखते हुए भीड़ भाड़ वाले इलाकों में पानी पुरी की बिक्री पर रोक लगाने की तैयारी कर ली गई है।” स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हाल ही में 7 नए संक्रमित मरीजों के मिलने के बाद से घाटी में हैजा मरीजों की संख्या 12 हो गई है। संक्रमित मरीजों का इलाज सुकरराज ट्रॉपिकल एंड इंफेक्शियस डिजीज अस्पताल में चल रहा है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ”अगर कोई भी व्यक्ति हैजा के किसी भी लक्षण का अनुभव करता हैं, तो तुरंत अपने नजदीकी हॉस्पिटल पहुंचकर जांच कराए।”

कैसे फैलता है हैजा?

दूषित पानी और भोजन हैजा फैलने की मुख्य वजहों में से एक है। इसके अलावा, ये बीमारी गंदे हाथों और नाखूनों के जरिए भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचती है, जिसकी वजह से गंभीर दस्त की समस्या का सामना करना पड़ता है। दस्त होने की वजह से डीहाइड्रेशन की स्थिति पैदा हो जाती है। अगर सही समय पर इसका इलाज न कराया जाए तो कुछ ही घंटों में मौत भी हो सकती है। मई से सितंबर माह के बीच हैजा रोग के फैलने का खतरा ज्यादा होता है। इस दौरान मक्खियां अधिक होती हैं, जो भोजन और पानी को दूषित कर देती हैं। इसके अलावा, बासी भोजन खाने से भी हैजा हो सकता है।

हैजा के लक्षण

  • दस्त लगना
  • उल्टी
  • पैरों में ऐंठन
  • हृदय गति में वृद्धि
  • अधिक प्यास लगना
  • ब्लड प्रेशर कम होना
  • त्वचा के लचीलेपन में कमी

हैजा से बचाव

  • ORS का घोल
  • खीरे की पत्तियां, नारियल-पानी, नींबू, छाछ, अदरक-पुदीने का जूस, हल्दी, मेथी के दाने आदि का सेवन
  • इंट्रावीनस फ्लूइड्स यानी तरल पदार्थों को नसों के जरिए शरीर में पहुंचाने की प्रक्रिया द्वारा उपचार
  • खाने पीने की आदतों में बदलाव