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Nepal: नेपाल में गहराया राजनीतिक संकट, प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हारे केपी शर्मा ओली

Nepal: नेपाल की राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी के निर्देश के बाद वहां के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की ओर से विश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। आपको बता दें कि ओली के समर्थन में केवल 93 मत मिले जबकि 124 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया।

नई दिल्ली। भारत के साथ गहराते रिश्तों के संकट और चीन से अपने रिश्ते मजबूत करने की कवायद में लगे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के लिए अपने देश में ही राजनीति करना मुश्किल हो गया था। भारत के साथ बिगड़ते रिश्तों की वजह से वहां के सांसद उनके खिलाफ हो गए थे। अब नेपाल में एक राजनीतिक भूचाल आ गया है। क्योंकि केपी शर्मा ओली नेपाल की संसद में विश्वास मत हार गए हैं। सोमवार को प्रतिनिधि सभा में पेश विश्वास प्रस्ताव में केपी शर्मा ओली को हार का सामना करना पड़ा है।

China jinping KP Sharma oli

पहले से ही राजनीतिक संकट का सामना कर रहे ओली के लिए यह एक और बड़ा झटका है। कम्युनिस्ट पार्टी नेपाल (माओवादी केंद्र) नीत पुष्पकमल दहल गुट द्वारा सरकार से समर्थन वापस लिए जाने के बाद से ही केपी शर्मा ओलीकी पार्टी के लिए मुसीबत बड़ी हो गई थी। पुष्पकमल दहल तब से ही पार्टी पर पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

KP Sharma And PM Narendra Modi

नेपाल की राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी के निर्देश के बाद वहां के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की ओर से विश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। आपको बता दें कि ओली के समर्थन में केवल 93 मत मिले जबकि 124 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया। 15 सांसद तटस्थ रहे जबकि 35 सांसद वोटिंग से गायब रहे। ओली को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत जीतने के लिए 136 मतों की जरूरत थी। क्योंकि चार सदस्य इस समय निलंबित हैं।

KP Sharma oli

नेपाल में राजनीतिक बवाल तो तब ही पैदा हो गया था जब प्रचंड की पार्टी द्वारा सरकार से समर्थन वापस ले लिया गया था और ओली की सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके साथ ही आर्टिकल 100(3) के मुताबिक अपने आप ही ओली PM पद से मुक्त हो गए। नेपाल में राजनीति संकट पिछले साल 20 दिसंबर को तब शुरू हुआ जब राष्ट्रपति भंडारी ने प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर संसद को भंग कर 30 अप्रैल और 10 मई को नए सिरे से चुनाव कराने का निर्देश दिया।