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Cairo: विदेश मंत्री जयशंकर ने एक बार फिर अमीर देशों को सुनाई खरी-खरी, कहा- इनके कदमों से गरीब देशों को लग रही चोट

जयशंकर ने बीते कुछ दिनों से पश्चिमी देशों को उनके तौर-तरीकों की वजह से कई बार नसीहत दी है और खरी-खरी सुनाई है। जयशंकर ने बीते 11 अक्टूबर को कहा था कि पश्चिमी देशों से हथियारों की सप्लाई नहीं होती थी। इस वजह से भारत की निर्भरता रूस पर थी। रूस से कच्चा तेल लेने के मामले में भी वो अमेरिका और यूरोपीय देशों को जमकर सुना चुके हैं।

काहिरा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर अमीर और विकसित देशों को नाम लिए बिना जमकर खरी-खरी सुनाई है। मिस्र की राजधानी काहिरा में शनिवार को जयशंकर ने भारतीय मूल के लोगों से बात करते हुए अमीर और गरीब देशों के बीच खाई के बारे में बात कही। उन्होंने कहा कि अमीर और विकसित देश ये नहीं समझ पाते हैं कि दुनिया में जो कुछ भी हो रहा है, उससे गरीब देशों को कितनी चोट पहुंचती है। जयशंकर ने कहा कि भारत ऐसे ही गरीब देशों की आवाज है और अलग-अलग फोरम पर उनके मुद्दे लगातार उठाता रहता है।

जयशंकर ने कहा कि दुनिया अब सिर्फ पूरब और पश्चिम में ही नहीं, बल्कि उत्तर और दक्षिण में भी बंटी हुई है। ऐसे में गुट निरपेक्षता का मंत्र भले ही पुराना हो, लेकिन इसे नए हालात के तहत देखने की भी जरूरत है। जयशंकर ने विदेश में बसे भारतीयों के योगदान की तारीफ भी की। बता दें कि जयशंकर ने बीते कुछ दिनों से पश्चिमी देशों को उनके तौर-तरीकों की वजह से कई बार नसीहत दी है और खरी-खरी सुनाई है। जयशंकर ने बीते 11 अक्टूबर को कहा था कि पश्चिमी देशों से हथियारों की सप्लाई नहीं होती थी। इस वजह से भारत की निर्भरता रूस पर थी। पश्चिमी देश देख रहे हैं कि हमारे पड़ोस में एक सैन्य तानाशाही (पाकिस्तान) वाला देश है, फिर भी उसको सहयोगी बना रहे हैं।

Jaishankar

जयशंकर ने इससे पहले रूस से तेल आयात के मसले पर भी अमेरिका की आपत्ति पर तगड़ा जवाब दिया था। जयशंकर ने कहा था कि रूस से कच्चे तेल के आयात को लेकर भारत को नसीहत दी जा रही है। जबकि, यूरोप के देश रूस से ज्यादा तेल खरीदते हैं। उन्होंने साफ कहा था कि भारत अपने नागरिकों के हित पहले देखेगा। इसके अलावा भी जयशंकर ने कई और मंचों से अमेरिका और अन्य देशों को खूब धोया था।