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Afghanistan: वादे करने के बाद उनसे मुकरने लगा तालिबान, महिलाओं के खिलाफ उठाया पहला कदम

Afghanistan Crisis: तालिबान प्रवक्ता ने ये भी कहा था कि निजी मीडिया की आजादी वह चाहते हैं। साथ ही महिलाओं को शरीयत के मुताबिक ज्यादा हक देने के लिए भी तालिबान तैयार है। मुजाहिद ने ये भी कहा था कि सरकार में महिलाओं को आने के लिए प्रोत्साहन देगा।

काबुल। बीते रविवार को काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान की ओर से कई वादे किए गए थे। मंगलवार को तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई वादे किए थे, लेकिन 24 घंटा भी नहीं बीता कि तालिबान ने अपने वादों में से एक को तोड़ते हुए महिला विरोधी पहला कदम उठाया है।
तालिबान ने सरकारी टीवी चैनल से महिला एंकर्स को हटाने का फरमान जारी किया है। जबकि जबीउल्लाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि महिलाओं के हक का सम्मान किया जाएगा और उन्हें काम करने के साथ ही सरकार में भी जगह दी जाएगी। बावजूद इसके महिला एंकर्स को हटाने का फरमान देने से साफ है कि पुराने और नए तालिबान में कोई फर्क नहीं है। तालिबान प्रवक्ता ने कहा था कि किसी से बदला नहीं लेंगे और सभी को माफी दे दी गई है।

zabiullah

तालिबान प्रवक्ता ने ये भी कहा था कि निजी मीडिया की आजादी वह चाहते हैं। साथ ही महिलाओं को शरीयत के मुताबिक ज्यादा हक देने के लिए भी तालिबान तैयार है। मुजाहिद ने ये भी कहा था कि सरकार में महिलाओं को आने के लिए प्रोत्साहन देगा। इसके अलावा किसी देश के खिलाफ अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल न होने देने का वादा भी किया गया।

Afghan Anchor

बावजूद इसके तालिबान का खौफ अफगानिस्तान पर दिख रहा है। दरअसल, 1990 के दशक में तालिबान शासन के दौरान अफगानिस्तान में सरेआम हत्या और पत्थरों से मारकर जान लेने की घटनाएं आम हो गई थीं। सबसे ज्यादा मुश्किल महिलाओं और युवतियों के लिए थी। युवतियों को तालिबान उठाकर ले जाते थे और गैंगरेप कर घर के बाहर फेंक देते थे। अब भी उस खौफ में लोग जी रहे हैं और इसी वजह से काबुल से पलायन करने वालों की कतार लगी हुई है।