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Danish Siddiqui: भारत के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी से तालिबान ने की थी भीषण क्रूरता, सामने आई जानकारी से हिल जाएंगे आप

Danish Siddiqui: भारतीय खुफिया तंत्र को जानकारी मिली है कि दानिश ने तालिबान को बताया कि वह अंतरराष्ट्रीय पत्रकार हैं। उन्होंने अपनी आईडी भी दिखाई और बताया कि वह भारत से आए हैं। तालिबान ने उनकी आईडी की फोटो पाकिस्तान के क्वेटा भेजीं। वहां दानिश के सोशल मीडिया अकाउंट्स को चेक किया गया और तालिबान के खिलाफ कई पोस्ट मिलने के बाद क्वेटा से दानिश की हत्या करने का आदेश आया।

काबुल। दो हफ्ते पहले अफगानिस्तान में सरकार और आतंकी सगंठन तालिबान की जंग को कवर करने पहुंचे भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या हो गई थी। तब कहा गया था कि दानिश सेना के काफिले के साथ थे और गोली लगने से उनकी मौत हो गई। दानिश की मौत पर तालिबान ने अफसोस भी जताया था, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि तालिबान ने दानिश को तड़पा-तड़पाकर मार डाला। अफसोस तो यह आतंकी संगठन दिखाने के लिए जता रहा है। दानिश की हत्या के बारे में बताया जा रहा है कि कंधार में क्रॉसफायर के दौरान दानिश को छर्रे लगे थे। अफगान सेना की एक यूनिट के साथ दानिश ने एक मस्जिद में शरण ली। तालिबान ने पीछा किया और मस्जिद में घुस आए। यहां उन्होंने पहले सेना के जवानों की हत्या की और फिर दानिश को पकड़ लिया।

भारतीय खुफिया तंत्र को जानकारी मिली है कि दानिश ने तालिबान को बताया कि वह अंतरराष्ट्रीय पत्रकार हैं। उन्होंने अपनी आईडी भी दिखाई और बताया कि वह भारत से आए हैं। तालिबान ने उनकी आईडी की फोटो पाकिस्तान के क्वेटा भेजीं। वहां दानिश के सोशल मीडिया अकाउंट्स को चेक किया गया और तालिबान के खिलाफ कई पोस्ट मिलने के बाद क्वेटा से दानिश की हत्या करने का आदेश आया।

danish-siddiqui

जानकारी के मुताबिक इसके बाद दानिश को तालिबान ने 12 गोलियां मारीं और लाश को घसीटकर निकाला गया। इसके बाद एक गाड़ी से दानिश की लाश को कुचलकर उनके शरीर के टुकड़े करने की कोशिश भी हुई। इस सारी घटना का वीडियो बनाकर जगह-जगह तालिबान ने भेजा। ताकि डर का माहौल बनाया जा सके। दानिश के शव के पोस्टमॉर्टम में 12 गोलियां लगने का पता चला। उनके शरीर में धड़ और पिछले हिस्से में गोलियां मारी गई थीं। कई गोलियां शरीर के भीतर रह गई थीं। उनके शव को घसीटने के निशान भी मिले। सिर और छाती पर कुचले जाने की कोशिश के सबूत भी मिले हैं। इन सबसे साबित हो गया है कि तालिबान ने दानिश की हत्या के बाद जो अफसोस जताया था, वह महज खुद को पाक साफ दिखाने का एक तरीका था।