माले। भारत का विरोध और चीन से गलबहियां करने में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर संकट गहरा गया है। मुइज्जू के खिलाफ विपक्ष ने महाभियोग प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। मुइज्जू विरोधियों की मालदीव के संसद में काफी संख्या है। ऐसे में मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति पद पर तलवार लटकती दिख रही है। मुइज्जू ने मालदीव का राष्ट्रपति चुनाव भारत के खिलाफ बयानबाजी करते हुए लड़ा था। राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्होंने इस साल मार्च तक मालदीव से भारतीय सेना के जवानों को हटाने का आदेश दिया है। मालदीव में भारत के करीब 75 जवान काफी समय से हैं। ये जवान लोगों को हेलीकॉप्टर सुविधा देने और समुद्र की मैपिंग का काम करते हैं। भारतीय सेना के जवानों का मालदीव की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन चीन के इशारे पर मुइज्जू ने जवानों को हटाने के लिए भारत से कहा है।
मुइज्जू सरकार के तीन मंत्रियों ने बीते दिनों पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में अशोभनीय टिप्पणियां भी की थीं। जिसके बाद भारत और मालदीव के बीच रिश्ते और खराब हुए हैं। विपक्ष ने भी इस मामले में मुइज्जू को घेरा था। जिसके बाद तीनों मंत्रियों को सरकार से निलंबित किया गया। फिर भी हालात इतने विषम हैं कि जिस मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या नंबर एक पर थी, अब वो नंबर 5 पर आ गई है। यानी भारतीय पर्यटक मालदीव जाने से बच रहे हैं। मालदीव की पूरी अर्थव्यवस्था ही पर्यटन पर आधारित है। ऐसे में भारतीय पर्यटकों के मालदीव से दूरी बनाने के कारण भी विपक्ष ने राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ अपने हमले और तेज किए हैं।
अगर मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के समर्थन और इसके खिलाफ सांसदों की संख्या पर गौर करें, तो सत्तारूढ़ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स के 2, उसके सहयोगी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस यानी पीएनसी के 13 सदस्य हैं। वहीं, विपक्ष में मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के 45 और उसकी सहयोगी द डेमोक्रेट्स के 13 सांसद हैं। जबकि, जम्हूरी पार्टी के 2, मालदीव्स डेवलपमेंट अलायंस के 2 और 3 निर्दलीय हैं। महाभियोग प्रस्ताव पास होने के लिए 80 सदस्यीय संसद में इस तरह फिलहाल विपक्ष के पास नंबर दिख रहे हैं। जाहिर है, इससे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के लिए पद गंवाने का बड़ा खतरा है।