नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे में पाकिस्तान की भूमिका जरूर है, लेकिन अब इसी तालिबान ने पाकिस्तान को जोर का झटका दिया है। मसला है जम्मू और कश्मीर का। तालिबान ने इस बारे में अपनी जो राय दी है, उसे सुनकर पाकिस्तान की सेना और वहां के हुक्मरान सिर जरूर पीट रहे होंगे।
एक न्यूज एजेंसी से तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर उसका ध्यान नहीं है। तालिबान ने कहा है कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय और आंतरिक मुद्दा है। यह पहली बार है, जब अफगानिस्तान में गैर लोकतांत्रिक सरकार बनाने जा रहे तालिबान ने जम्मू-कश्मीर पर अपना रुख साफ किया है। इससे पहले जब तालिबान शासन कर रहा था, तो भारतीय विमान आईसी-814 को अगवा कर कंधार ले जाया गया था। जैश के आतंकियों को उस वक्त तालिबान ने सेफ पैसेज दे दिया था।
इससे साफ हो गया था कि वे पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे थे, लेकिन इस बार तालिबान का रवैया बदला-बदला सा दिख रहा है। साथ ही इस बार तालिबान खुद इतना ताकतवर हो गया है कि शायद ही पाकिस्तान की बात वो सुनेगा। तालिबान को पता है कि पिछली बार की तरह अगर उसने अफगानिस्तान को चलाने की कोशिश की, तो इसका उल्टा असर हो सकता है।
इस बीच, भारत सुरक्षा में कोई भी कोताही नहीं बरत रहा है। दरअसल, लश्कर-ए-तैयबा और लश्कर-ए-झांगवी जैसे पाक परस्त आतंकी संगठन और तालिबान में पुराने रिश्ते रहे हैं। तालिबान के राज में अफगानिस्तान से भारत विरोधी गतिविधियां होने के आसार भी हैं। क्योंकि अमेरिका से अफगान सैन्य बलों को मिले अत्याधुनिक हथियार भी तालिबान के पास हैं और उनसे ये जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों को मिल सकते हैं।