काबुल। अफगानिस्तान पर काबिज तालिबान अब लोगों को डराने-धमकाने पर आमादा हो गया है। साथ ही उनके बीच को-ऑर्डिनेशन भी नहीं है। इसका नजारा आज काबुल में देखने को मिला। तालिबान ने पहले करीब 500 महिलाओं को काबुल की सड़कों पर प्रदर्शन की इजाजत दे दी। महिलाएं जब जानबक चौराहे पर पहुंचीं, तो वहां मौजूद तालिबान ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने प्रदर्शन के आगे चल रही एक गाड़ी में भी तोड़फोड़ की और पत्रकारों के कैमरे पटककर तोड़ दिए। इसी दौरान कई तालिबान ने हवाई फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद वहां भगदड़ मच गई। इसमें तमाम महिलाएं और बच्चों के घायल होने की खबर है।
तालिबान के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन 15 अगस्त के बाद से ही चल रहा है। महिलाएं खुद के लिए ज्यादा अधिकार मांग रही हैं। वहीं, सोमवार को काबुल और मजार-ए-शरीफ शहरों में भी जमकर प्रदर्शन हुए थे। लोगों ने अफगानिस्तान के मसलों में पाकिस्तान और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के दखल का विरोध किया था।तालिबान पहले ही अपने कई वादे तोड़ चुका है। उसने वादा किया था कि नए शासन में महिलाओं को आजादी मिलती रहेगी और उन्हें कामकाज भी करने दिया जाएगा। बाद में तमाम महिलाओं ने मीडिया को बताया कि उन्हें दफ्तर नहीं जाने दिया जा रहा है।
For several kilometres well-disciplined Taliban members allowed a protest of approx 300-500 to continue through the streets of Kabul. Talibs guarding Zanbak Square, however, fired in the air, beat protesters, vandalised a vehicle leading them and tore cameras from journalists. pic.twitter.com/e9kPPTquUL
— Andrew Quilty (@andrewquilty) September 7, 2021
इसके बाद तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह ने तालिबान ने अब ये भी साफ कर दिया है कि 1990 के दशक की तरह इस बार भी अफगानिस्तान में वह खौफ पैदा करता रहेगा। तालिबान की ओर से ये भी साफ कर दिया गया है कि शरीयत के हिसाब से ही अफगानिस्तान के शासन को चलाया जाएगा। हालांकि, तालिबान अब तक अपनी सरकार का गठन नहीं कर सका है।