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Afghan Crisis: इन 5 इस्लामी देशों ने अफगानों को शरण देने से किया इनकार, जानिए कौन देश हैं तैयार

Afghan Crisis: अब जान लेते हैं कि आखिर अफगान जाएं, तो कहां? फिलहाल अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, कनाडा, ताजिकिस्तान और अल्बानिया उन्हें शरण देने को तैयार हैं। इनके अलावा कतर, यूगांडा और उत्तरी मैसेडोनिया ने कम वक्त के लिए अफगानों को शरण देना मंजूर किया है।

नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल और अन्य शहरों से डरे हुए लोग पलायन कर रहे हैं। 1990 के दशक में तालिबान के अत्याचार का खौफ उन्हें फिर सता रहा है, लेकिन जो अफगान नागरिक देश छोड़कर जाना चाहते हैं, उन्हें हर जगह शरण नहीं मिल रही। यहां तक कि 5 इस्लामी देशों ने इन्हें शरण देने से साफ इनकार कर दिया है। अफगान नागरिकों को शरण देने से इनकार करने वाले देश पाकिस्तान, तुर्की, ईरान, बांग्लादेश, उजबेकिस्तान और हंगरी हैं। इनमें हंगरी के अलावा बाकी पांचों इस्लामी देश हैं। इनमें से पाकिस्तान, ईरान और उजबेकिस्तान तो अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्क हैं और इन तीन देशों की सीमा उससे मिलती है। पाकिस्तान कह रहा है कि पहले ही उसके यहां काफी शरणार्थी हैं। तुर्की भी यही बात कह रहा है। ईरान चाहता है कि तालिबान से रिश्ते ठीक रहें। इसलिए शरण देना नहीं चाहता। उजबेकिस्तान कोरोना का हवाला दे रहा है। बांग्लादेश का कहना है कि उसके यहां पहले से ही रोहिंग्या शरणार्थी हैं। वहीं, हंगरी की दक्षिणपंथी सरकार भी अफगानों को शरण नहीं देना चाहती है।

अब जान लेते हैं कि आखिर अफगान जाएं, तो कहां? फिलहाल अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, कनाडा, ताजिकिस्तान और अल्बानिया उन्हें शरण देने को तैयार हैं। इनके अलावा कतर, यूगांडा और उत्तरी मैसेडोनिया ने कम वक्त के लिए अफगानों को शरण देना मंजूर किया है।

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने बताया है कि करीब 4 लाख अफगान नागरिक पहले ही विस्थापित हो चुके हैं। इनके अलावा 2020 के अंत तक करीब 29 लाख अफगान नागरिक अपने देश में ही शरणार्थी बने थे। मई के बाद 80 फीसदी महिलाओं और बच्चों समेत करीब 2.5 लाख अफगानों ने अपने घर छोड़े हैं।