वॉशिंगटन। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के मसले पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधा है। ट्रंप ने कहा है कि इतिहास में पहले कभी भी सेना की वापसी को इतने खराब तरीके से नहीं किया गया था। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों की वापसी की समय-सीमा तय की थी, लेकिन तालिबान ने इससे करीब दो सप्ताह पहले ही अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया और इससे वहां स्थिति काफी खराब हो गई। अमेरिका ने अब तय सीमा से 24 घंटे पहले 30 अगस्त को ही सेना को पूरी तरह वापस बुला लिया है। अमेरिका पर साल 2001 में 11 सितंबर को दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद ही उसने अफगानिस्तान में सेना भेजी थी। अब 20 साल बाद सेना की वापसी अमेरिका ने की है, लेकिन साथ ही तालिबान फिर से सत्ता पर काबिज हो गया है।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सेना के तमाम उपकरण तालिबान के कब्जे में हैं। इन्हें सही सलामत वापस करने की मांग भी बाइडेन प्रशासन को करनी चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी सैन्य सामान करीब 85 अरब डॉलर का है। अगर हम इन्हें वापस नहीं ला सकते, तो कम से कम बम गिराकर नष्ट ही कर देना चाहिए। दूसरी ओर, अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और संयुक्त राष्टर में अमेरिकी राजदूत रहीं निक्की हेली ने भी इस मामले में बाइडेन की आलोचना की है।
उधर, बाइडेन का कहना है कि अफगानिस्तान में अमेरिका की 20 साल पुरानी सैनिक मौजूदगी खत्म हो गई है। बाइडेन ने कहा कि वह अमेरिकी कमांडर्स को धन्यवाद दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सेना वापस लेने के समय का भले ही अमेरिका ने पालन किया, लेकिन अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने का काम करने के लिए उसने कोई समयसीमा तय नहीं की है।