कीव। यूक्रेन संकट और गहरा गया है। यूक्रेन सरकार के मुताबिक रूस ने उसकी सीमा पर जवानों की संख्या बढ़ाकर 2 लाख कर दी है। वहीं, हालात गंभीर देखकर यूक्रेन ने अपनी वायुसीमा बंद करते हुए सभी एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही रोक दी है। दूसरी तरफ, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अपने रुख पर अड़े हुए हैं। जबकि, अमेरिका ने कहा है कि अब पुतिन और उनकी सरकार के बड़े ओहदों पर मौजूद लोगों पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। बता दें कि रूस ने यूक्रेन की सीमा और बेलारूस में सैन्य अभ्यास के बहाने बड़ी तादाद में अपने सैनिक और हथियार इकट्ठा किए हैं और इस वजह से पश्चिमी देशों के साथ उसकी तनातनी चल रही है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमोर जेलिंस्की ने इस बीच यूरोप को आगाह किया है कि इस वक्त अगर उन्होंने संकट पर आंखें मूंदकर रखीं, तो आने वाले समय में उन्हें भी रूस से बड़ा खतरा होगा। यूरोपीय देशों में से ज्यादातर ने हालांकि कहा है कि रूस को संकट टालते हुए यूक्रेन की सीमा से अपने सैनिक हटाने चाहिए, लेकिन ऑस्ट्रिया जैसे देश ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का विरोध किया है। ऑस्ट्रिया का कहना है कि प्रतिबंध से इस समस्या का हल नहीं निकल पाएगा। बता दें कि फ्रांस और जर्मनी ने यूरोपीय यूनियन से रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है।
उधर, रूस के राष्ट्रपति पुतिन इस मसले पर झुकने के लिए तैयार नहीं हैं। पुतिन ने यूक्रेन की राजधानी कीव में अपने देश के दूतावास को खाली करा लिया है। इस कदम के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दावा किया था कि रूस अगले 48 घंटे में यूक्रेन पर हमला कर सकता है। रूस ने यूक्रेन के अलगाववादियों को मदद जारी रखी हुई है। इन अलगाववादियों ने यूक्रेन के 6 सैनिकों की जान भी ली है। कई जगह अलगाववादी और यूक्रेनी सेना के बीच भारी गोलाबारी की खबर है।