नई दिल्ली। डॉक्टरों को दूसरा भगवान माना जाता है क्योंकि वो मरते का इलाज कर उसे नया जीवन दान देने की काबिलियत रखते हैं लेकिन अगर यही रक्षक लोगों के जीवन के भक्षक बन जाए तो इससे बुरा क्या ही हो सकता है। इंग्लैंड में ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक महिला नर्स ने एक या दो नहीं बल्कि सात नवजात शिशुओं को मौत के घाट उतार दिया। अब सात बच्चों को मौत के घाट उतारने और 6 की हत्या की कोशिश के मामले में इस महिला नर्स (UK Nurse Killed Infant) को दोषी करार दिया गया है।
बता दें कि ये हत्यारन नर्स यूनाइटेड किंगडम के चेस्टर हॉस्पिटल में काम करती है। नर्स का नाम लुसी लेटबी है। जिसे अब मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट ने 7 बच्चों की हत्या और 6 बच्चों की हत्या की कोशिश मामले में आरोपी ठहराया गया है। आरोपी नर्स के पास उनके लिखे कुछ नोट्स को सबूत के तौर पर पेश किया गया था जिसमें वो खुद को दुष्ट बता रही थी। नोट्स में लिखा गया था कि वो एक अच्छी नर्स साबित नहीं हो सकती है और न ही बच्चों का सही तरह से ख्याल रख सकती है। ऐसे में वो बच्चों को मार रही है। वो एक डेविल है।
बताया जा रहा है कि नर्स बच्चों को मारने के लिए उनकी नसों में हवा और इंसुलिन इंजेक्ट करने के साथ ही बच्चों को जरूरत से ज्यादा दूध पिलाया करती थी। बच्चों को वो लिक्विड चीजें भी खिलाया करती थीं। इस मामले में नर्स को पकड़वाने में भारतीय मूल के सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि जयराम ने अहम भूमिका निभाई।
ब्रिटिश समाचार टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू में रवि जयराम ने बताया कि साल 2015 में उन्होंने पहली बार बच्चों की मौत मामले में आवाज उठाई थी। उस साल 3 बच्चों की मौत हुई थी। मेरी बात को पुलिस अधिकारियों ने सुना तो उन्हें सुनते ही मुझपर भरोसा हो गया। लेकिन थोड़ी देर हो गई। अगर उसी वक्त मेरी बात पर ध्यान दिया जाता तो आज की बच्चों को बचाया जा सकता था।