नई दिल्ली। सीमा विवाद के बाद चीन की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही है। भारत, अमेरिका, जापान समेत कई देशों ने ड्रैगन के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। जिसके बाद चीन अलग-थलग पड़ा चुका है और ऐसे उसके सामने लगातार संकट खड़ा होता जा रहा है। इसी कड़ी में अब संयुक्त राष्ट्र ने मौलिक अधिकारों के हनन को लेकर चीन को कड़ी फटकार लगाई है।
संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र विशेषज्ञों ने चीन को एकबार फिर मौलिक अधिकारों के हनन को लेकर चेतावनी दी है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि चीन मौलिक अधिकारों की स्वंत्रता का दमन बंद करे। संयुक्त राष्ट्र ने खासतौर से हांगकांग का जिक्र किया है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि हांगकांग में लोकतंत्र की वकालत करनेवालों के प्रति दमनकारी नीति ठीक नहीं है। विरोध का दमन करने के लिए पुलिस बल का अत्यधिक प्रयोग उचित नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र विशेषज्ञों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस स्टेशन में अभद्रता, दमनकारी रवैया और खतरनाक रासायन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही हेल्थ केयर वर्कर्स को भी प्रताड़ित किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र विशेषज्ञों ने चीन को एक बार फिर चेतावनी जारी की है। हालांकि इससे पहले भी समय-समय पर चीन को चेतावनी दी जाती रही है लेकिन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उसका दमकारी रवैया जारी है।
UN independent experts have repeatedly communicated with the Government of the People’s Republic of China their alarm regarding the repression of fundamental freedoms in China: Office of the United Nations High Commissioner for Human Rights pic.twitter.com/oOu5yyf2Td
— ANI (@ANI) June 26, 2020
हांगकांग पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए चीन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाया है। इस पर काम करने के लिए उसने एक ब्यूरो भी खोलने का फैसला किया है। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस बारे में अनौपचारिक चर्चा का प्रस्ताव दिया था।
इस पर चीन ने इसे अपना आंतरिक मुद्दा बताया था। हांगकांग में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों से चीन की सरकार घबराई हुई है। इस कानून के लागू हो जाने के बाद हांगकांग में विरोध प्रदर्शन करना आसान नहीं होगा।