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Russia-Ukraine Crisis: यूक्रेन को युद्ध मे झोंक कर अब अमेरिका भारत को दे रहा नसीहत, कहा ‘चीन से बचाने रूस दौड़ता हुआ नहीं आएगा’

Russia-Ukraine Crisis: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने रूस पर 5 हजार से ज्यादा प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन इन प्रतिबंधों का रूस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। रूस आज भी यूक्रेन में बमबारी कर रहा है। इसके चलते देश में अमेरिका और पश्चिमी देश लगातार भारत पर दबाव बना रहे हैं कि भारत रूस के साथ अपने गहरे कूटनीतिक संबंधों का फायदा उठाकर इस युद्ध को रोके।

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने रूस पर 5 हजार से ज्यादा प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन इन प्रतिबंधों का रूस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। रूस आज भी यूक्रेन में बमबारी कर रहा है। इसके चलते देश में अमेरिका और पश्चिमी देश लगातार भारत पर दबाव बना रहे हैं कि भारत रूस के साथ अपने गहरे कूटनीतिक संबंधों का फायदा उठाकर इस युद्ध को रोके। यूक्रेन को रूस के खिलाफ आगे बढ़ाकर खुद पीछे हट जाने के कारण अमेरिका की दुनियाभर में किरकिरी हो रही है, लेकिन वह भारत को बता रहा है कि रूस भरोसेमंद नहीं है। इसके चलते भारत की तटस्थता अब अमेरिका को अखर रही है। इसके चलते अब अमेरिका ने भारत को चीन के संभावित हमलों की चेतावनी तक दे डाली है।

दरअसल,  US के डिप्टी राष्ट्रीय सचिव दलीप सिंह ने कहा कि उन देशों को परिणाम भुगतने होंगे जो यूक्रेन पर आक्रमण के बाद लगाए गए प्रतिबंधों को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। आपको बता दें कि यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका द्वारा रूस पर जो दंडात्मक प्रतिबंध लगाए गए हैं। उनमें दिलीप सिंह की एक बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में अब वो इस मुद्दे पर आक्रामक बयान देकर भारत के खिलाफ हमलावर रुख अपनाने का संकेत दे रहे हैं।

अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारी दलीप सिंह ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि रूस आपकी रक्षा के लिए नहीं आएगा। भारत को यह नहीं सोचना चाहिए अगर चीन एलएसी का उल्लंघन करता है तो रूस उनको बचाने आएगा क्योंकि चीन और रूस में अब “नो लिमिट्स पार्टनरशिप” है।

दलीप ने यह बयान उस दिन दिया, जब रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिन के भारत दौरे पर दिल्ली पहुंचे हैं। रूसी विदेश मंत्री के इस दौरे में रूसी तेल की खरीद सहित द्विपक्षीय व्यापार के लिए रूबल-रुपए पेमेंट सिस्टम पर चर्चा होने की संभावना है। रूस से किफायती दरों पर तेल खरीदने के भारत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर दलीप ने कहा कि अमेरिका भारत की ऊर्जा और डिफेंस इक्विपमेंट की जरूरत पूरा करने के लिए तैयार है। गौरतलब है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत अपनी कच्चे तेल की खपत के लिए रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है जिसके पैसे के लेन-देन को लेकर जल्द ही भारत और रूस बातचीत भी कर सकते हैं। ऐसे में भारत का यह कदम अमेरिका को रास नहीं  आ रहा है।