कैलिफोर्निया। अमेरिका के कैलिफोर्निया के कोर्ट ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के गुनहगार तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद एनआईए उसे भारत लाने की तैयारी में जुट गया है। तहव्वुर राणा 62 साल का है। उसने 26/11/2008 को मुंबई पर हुए भीषण आतंकी हमले की साजिश में हिस्सा लिया था। भारत ने 10 जून 2020 को राणा के प्रत्यर्पण की अर्जी दी थी। अमेरिका में जो बाइडेन सरकार ने भी कोर्ट से तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने को मंजूरी देने का आग्रह किया था। कैलिफोर्निया में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जज जैकलीन चूलजियान ने 16 मई को इसकी मंजूरी दे दी।
कोर्ट ने 48 पेज के आदेश में कहा है कि सभी दस्तावेजों और तथ्यों की बिनाह पर तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया जाता है। कोर्ट के मुताबिक राणा पर लगाए गए आरोप उसके प्रत्यर्पण के लायक हैं। जज ने लिखा कि कोर्ट इन निष्कर्षों पर पहुंचा है और अमेरिका का विदेश मंत्रालय तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करे। एनआईए इस आतंकी हमले की जांच कर रहा है। जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए राजनयिक चैनलों के जरिए कार्रवाई शुरू भी कर दी गई है। एनआईए के मुताबिक मुंबई पर 26/11 के हमले में पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था और तहव्वुर राणा की इस हमले की साजिश में बड़ी भूमिका थी। वो पाकिस्तानी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली से भी जुड़ा था। हेडली पहले ही अमेरिका में सजा काट रहा है।
कोर्ट में अमेरिकी सरकार ने कहा कि तहव्वुर राणा को पता था कि उसका दोस्त डेविड कोलमैन हेडली लश्कर में शामिल है। इसके बाद भी उसने हेडली की मदद की। राणा के बारे में अमेरिका का कहना है कि उसने मुंबई हमले में हेडली की मदद की और उसे बचाने की कोशिश में भी लगा रहा। मुंबई में हुए 2008 के आतंकी हमले में अमेरिका के 6 नागरिकों समेत 166 लोगों की जान गई थी। पाकिस्तान से आए अजमल कसाब समेत 10 आतंकियों ने आतंकी हमला किया था। अजमल कसाब को जिंदा गिरफ्तार किया गया था। उसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दी गई थी। बाकी 9 आतंकी 60 घंटे के ऑपरेशन में मार गिराए गए थे।