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Vivek Ramaswamy: ‘चीन की आर्थिक गुलामी से अमेरिका को मुक्ति दिलाने के लिए…’, राष्ट्रपति पद के दावेदार विवेक रामास्वामी का अहम सुझाव

उन्होंने कहा कि अमेरिका को अंडमान सागर में सैन्य संबंध के साथ ही भारत से रणनीतिक रिश्ते भी रखने की जरूरत है। राष्ट्रपति पद के भारतीय मूल के दावेदार ने कहा कि भारत जरूरत पड़ने पर मलक्का जलडमरूमध्य को अपनी नौसेना के जरिए बंद कर सकता है।

वॉशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के इच्छुक रिपब्लिकन पार्टी के भारतवंशी नेता विवेक रामास्वामी ने चीन और भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। विवेक रामास्वामी ने भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों को और मजबूत करने पर जोर दिया है। रामास्वामी ने कहा है कि भारत और अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करके ही चीन और ताइवान पर निर्भरता खत्म हो सकती है। विवेक रामास्वामी ने भारत के अलावा जापान और दक्षिण कोरिया से भी अमेरिका के मजबूत संबंधों की वकालत की है। रामास्वामी के अगले साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उतरने के एलान पर उनको समर्थन देने वालों की तादाद काफी बढ़ी है। राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों के बीच प्राथमिक बहस के बाद विवेक रामास्वामी के पक्ष में ज्यादा समर्थन देखा गया है।

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38 साल के रामास्वामी ने मंगलवार को अपनी विदेश नीति के बारे में जनता से कहा कि अमेरिका आज चीन पर आर्थिक तौर से निर्भर है। अगर वो भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए, तो चीन की आर्थिक गुलामी से मुक्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अंडमान सागर में सैन्य संबंध के साथ ही भारत से रणनीतिक रिश्ते भी रखने की जरूरत है। राष्ट्रपति पद के भारतीय मूल के दावेदार ने कहा कि भारत जरूरत पड़ने पर मलक्का जलडमरूमध्य को अपनी नौसेना के जरिए बंद कर सकता है। इसी रास्ते से चीन को कच्चा तेल मिलता है। उन्होंने कहा कि अगर वो अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं, तो चीन के साथ ताइवान पर भी निर्भरता कम करेंगे और इसके लिए जापान और दक्षिण कोरिया से रिश्तों को मजबूत बनाएंगे।

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रामास्वामी ने हालांकि ये भी कहा कि जब तक अमेरिका सेमीकंडक्टर के मामले में खुदमुख्तारी हासिल नहीं कर लेता, तब तक उसको ताइवान की सख्ती से रक्षा भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ताइवान को खुद अपनी सेना को मजबूत करने पर ध्यान देने की जरूरत है। रामास्वामी ने कहा कि अमेरिका को भी अपनी जमीन की रक्षा के लिए मजबूत कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर इजरायल को आगे चलकर अमेरिकी मदद की जरूरत न पड़ी, तो ये भी उपलब्धि होगी। रामास्वामी ने कहा कि जबतक इजरायल को अमेरिकी मदद की जरूरत है, उसे दी जानी चाहिए।