हेलिकॉप्टर हादसे में CDS जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से ही एक बार फिर ताइवान के सेना प्रमुख के मौत पर भी चर्चा शुरु हो गई है। पिछले साल ताइवान के सेना प्रमुख शेन यी मिंग की मौत भी हेलिकॉफ्टर क्रैश में हो गई थी।पिछले साल जनवरी में ताइवान के चीफ ऑफ जनरल स्टॉ फ शेन यी मिंग का ब्लैेक हॉक हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया, जिसमें उनके साथ 7 अन्य सैन्य अधिकारियों की भी मौत हो गई। भारत और ताइवान में सेना के सर्वोच्च अधिकारी की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद से कई सारे सवाल उठाए जा रहे हैं, क्या जनरल रावत और ताइवान के सेना प्रमुख की मौत में कोई कनेक्शन है? क्या दोनों सैन्य प्रमुखों की सैन्य रणनीति में समानता रही है ? इस बात पर चर्चा की जा रही है कि जनरल बिपिन रावत और शेन यी मिंग दोनों कैसे चीन के खिलाफ चट्टान बन कर खड़े रहे। जिस तरह जनरल बिपिन रावत की मौत हेलिकॉप्टर हादसे में हुई, करीब-करीब उसी तरह ताइवान के शीर्ष सैन्य अधिकारी शेन-यी मिंग की भी हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हुई थी। ताइवान के शीर्ष सैन्य अधिकारी का हेलिकॉप्टर पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, हादसे में मिलिट्री चीफ के साथ साथ 8 और सैन्य अधिकारियों की भी मौत हो गई थी।
जनरल शेन यी-मिंग और सैन्य स्टाफ भी बेहद खतरनाक और शक्तिशाली माने जाने वाले अमेरिकी ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर में सवार थे। राजधानी ताइपे के पास खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर के इमरजेंसी लैंडिंग करते वक्त हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था। ये हेलिकॉप्टर हादसा उस वक्त हुआ, जब ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले थे। रावत की तरह शेन-यी मिंग चीन के बड़े विरोधियों में से एक माने जाते थे और कई बार चीन के खिलाफ आक्रामक बयान दे चुके थे। हेलिकॉप्टर क्रैश में उनकी मौत के बाद चीन के खिलाफ ताइवान के लोगों में गुस्सा उमड़ पड़ा और उन्होंने चीन की सबसे बड़ी विरोधी त्साई इंग वेन को बहुमत से विजयी बनाया।
जनरल बिपिन रावत और जनरल यी मिंग दोनों में सबसे बड़ी समानता, ये है कि सेना के दोनों जनरलों की चीन को लेकर बहुत आक्रामक नीति थी। दोनों को चीन का मुखर विरोधी माना जाता था। दोनों की रणनीति चीन की हर चाल को विफल करके मुंहतोड़ जवाब देने की रही है। रक्षा मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने जनरल रावत और यी मिंग की मौत का जिक्र करते हुए कहा है कि ‘ऐसे समय पर जब चीन के साथ 20 महीने लंबे सीमा तनाव की वजह से हिमालयी फ्रंट पर युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है, भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में दुखद मौत का इससे बुरा समय नहीं हो सकता था।
हर क्रैश में चीन की आक्रामकता के खिलाफ डिफेंस के प्रमुख व्यक्ति की मौत’
चेलानी ने लिखा, ‘जनरल रावत की मौत 2021 की शुरुआत में हुई, उस हेलिकॉप्टर दुर्घटना की तरह है, जिसमें ताइवान के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल की मौत हो गई थी। इसमें शेन यी-मिंग और दो प्रमुख जनरलों सहित सात अन्य शामिल थे। हर हेलिकॉप्टर क्रैश में चीन की आक्रामकता के खिलाफ डिफेंस के एक प्रमुख व्यक्ति की मौत हो जाती है।’
Here’s the CCP mouthpiece misusing my tweet from a thread to accuse U.S. of being behind the helicopter crash that killed the top Indian general because India is buying Russian S-400 system! Its tweet sadly points to the depraved mindset of the CCP folks. https://t.co/4NUrlZ4Lj6
— Brahma Chellaney (@Chellaney) December 8, 2021
हालांकि चेलानी ने ये भी साफ किया है कि ‘इस अजीब समानता का मतलब यह नहीं है कि दोनों हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं में कोई संबंध था या इसमें कोई बाहरी हाथ था। कुछ भी हो, प्रत्येक दुर्घटना ने महत्वपूर्ण आंतरिक प्रश्न उठाए हैं, विशेष रूप से शीर्ष जनरलों को ले जाने वाले सैन्य हेलिकॉप्टर के रखरखाव को लेकर।’ ब्रह्म चेलानी के इस बयान से चीन को मिर्ची लगी है। चीन को अखबार ने ग्लोबल टाइम्स ने पूरे मामले को अमेरिका से जोड़ने की कोशिश की है। जिस पर चेलानी ने कहा कि अपने बयान से चीन ने एक बार फिर अपना भ्रष्ट चरित्र उजागार कर दिया है।
जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर कैसे क्रैश हुआ ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि जनरल रावत चीन को सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते थे। सेना प्रमुख के तौर पर जनरल रावत के चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि चीन को अब ये समझ लेना चाहिए कि ये 1962 वाला भारत नहीं है। जनरल रावत ने ये साफ कर दिया था कि अब चीन की अतिक्रमण की नीति को भारत कतई बर्दास्त नहीं करेगा। जनरल रावत ने कुछ दिनों पहले ही कहा था, भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा चीन है और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने में ‘भरोसे’ की कमी है, जिससे संदेह बढ़ता जा रहा है।