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Diwali 2022: सूर्य ग्रहण और सूतक के कारण भ्रम की स्थिति?, जानिए धनतेरस से लेकर भाई दूज तक की सही तिथि और शुभ-मुहूर्त

Diwali 2022: त्योहारों की तिथियों को लेकर उत्पन्न भ्रम की स्थित को दूर करने के लिए त्योहारों की सही तिथि, पूजा का शुभ-मुहूर्त और सूर्य ग्रहण की समाप्ति के साथ सूतक काल का समय भी बताया। तो आइये जानते हैं उन्होंने क्या जानकारी दी…

नई दिल्ली। दिवाली जिसका इंतजार पूरे साल किया जाता है, हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोग भी इस त्योहार को परिवार के साथ सेलिब्रेट करने के लिए अपने-अपने घर पहुंचते हैं। पांच दिनों तक चलने वाला ये त्योहार इसी सप्ताह मनाया जाएगा। इस बार धनतेरस और दिवाली की तिथियों को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसके अलावा, दिवाली पर सूर्य ग्रहण भी पड़ रहे हैं, जिसकी वजह से सूतक लग जाएगा और सूतक काल में किसी भी शुभ कार्य को करना वर्जित होता है। यही कारण है कि लोग भ्रमित हो रहे हैं कि पूजा कब की जाए। तो आइए आपकी सारी समस्याओं का समाधान करने के लिए हमने ज्योतिषाचार्य सत्यम शिवम गोयल से बात की। उन्होंने त्योहारों की तिथियों को लेकर उत्पन्न भ्रम की स्थित को दूर करने के लिए त्योहारों की सही तिथि, पूजा का शुभ-मुहूर्त और सूर्य ग्रहण की समाप्ति के साथ सूतक काल का समय भी बताया। तो आइये जानते हैं उन्होंने क्या जानकारी दी…

शुभ-मुहूर्त

धनतेरस 2022 (Dhanteras)

धनतेरस की तिथि का आरंभ 22 अक्टूबर, शनिवार को शाम 06 बजकर 02 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। इस साल धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होने के साथ तीन गुना फल प्राप्त होने की मान्यता है। त्रिपुष्कर योग दोपहर 01 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।

नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली (Choti Diwali/ Narak Chaturdashi)

कार्तिक चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 23 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 3 मिनट पर हो जाएगा, जो 24 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। यानी नरक चतुर्दशी इस बार 23 अक्टूबर 2022, रविवार को मनाई जाएगी। वहीं, काली चौदस का मुहूर्त 23 अक्टूबर को शाम 11 बजकर 40 मिनट से 24 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।

दिवाली 2022 (Diwali 2022)

दिवाली इस बार 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन की जाने वाली लक्ष्मी-गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 54 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक  है। यानी लक्ष्मी पूजा की अवधि 1 घंटा 21 मिनट है। प्रदोष काल को पूजा का सबसे शुभ समय माना जाता है। ये मुहूर्त 24 अक्टूबर की शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। वहीं, वृषभ काल शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक  रहेगा। महानिशीथ काल में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक लगेगा।

गोवर्धन पूजा 2022 (Govardhan Pooja 2022)

इस बार गोवर्धन पूजा के दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहे हैं। पंचांग के अनुसार, सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 29 मिनट पर शुरू हो जाएगा और शाम 6 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। सूर्य ग्रहण का मध्य काल शाम 4 बजकर 30 मिनट पर होगा। इसका सूतक काल 12 घंटे पहले से आरंभ हो जाता है, जो दिवाली की रात 24 अक्टूबर 2 बजकर 30 मिनट से लग जाएगा। सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद गोवर्धन पूजा की जाएगी। हालांकि, प्रतिपदा तिथि का आरंभ शाम 4 बजे से हो जाएगा। उदियातिथि के अनुसार, गोवर्धन पूजा का पर्व 26 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। कार्तिक माह के शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और प्रतिपदा तिथि का समापन अगले दिन 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट पर होगा।

गोवर्धन पूजा का शुभ-मुहूर्त- 26 अक्टूबर की सुबह 06 बजकर 33 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 48 मिनट तक।

भाई-दूज 2022 (Bhai Dooj)-

26 अक्टूबर 2022 को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। इस साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर से शुरू हो रही है जो 27 अक्टूबर की दोपहर को समाप्त हो रही है। ऐसे में इस बार 26 और 27 दोनों ही दिन भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है। लेकिन भाई के तिलक के लिए 26 अक्टूबर का दिन अधिक श्रेष्ठ माना जा रहा है। शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर की दोपहर 2 बजकर 42 मिनट से 27 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी।