नई दिल्ली। 11 मार्च को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2021) है। ये दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है। इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस दिन भगवान शिव का व्रत करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही सभी परेशानियों का अंत भी होता है। इस बार महाशिवरात्रि पर 101 साल बाद शुभ संयोग बन रहा है।
101 साल बाद बन रहा शुभ संयोग
महाशिवरात्रि के दिन शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन शिवयोग, सिद्धियोग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग है। जिससे इस पर्व का महत्व और ज्यादा बढ़ रहा है। इन शुभ संयोगों के बीच महाशिवरात्रि पर पूजा काफी कल्याणकारी मानी जा रही है। खास बात ये है कि ये योग महाशिवरात्रि पर 101 साल बाद पड़ रहा है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
इन तीनों संयोगों के जानें मुहूर्त
शिव योग 11 मार्च को सुबह 9:24 तक रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा, जो 12 मार्च सुबह 8:29 तक रहेगा। वहीं, रात 9: 45 तक घनिष्ठा नक्षश्र रहेगा।
महा शिवरात्रि मुहूर्त
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06 बजकर 27 मिनट से शाम 09 बजकर 29 मिनट तक,मार्च 11
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – शाम 09 बजकर 29 मिनट से सुबह 12 बजकर 31 मिनट तक, मार्च 12
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – सुबह 12 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक, मार्च 12
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – सुबह 03 बजकर 32 मिनट से सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक, मार्च 12
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – शाम 02 बजकर 39 मिनट से, मार्च 11
चतुर्दशी तिथि समाप्त – शाम 03 बजकर 02 मिनट से, मार्च 12