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Pradosh Vrat: गुरु प्रदोष व्रत कल, यहां देखें पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त

Pradosh Vrat: इस बार मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत कल यानी 16 दिसंबर को है। मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत कल गुरुवार को पड़ रहा है। गुरुवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं गुरु प्रदोष व्रत की क्या है पूजा-विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी महत्व होता है। ये (प्रदोष व्रत) त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। पहला कृष्ण पक्ष तो वहीं दूसरा शुक्ल पक्ष में। प्रदोष व्रत में देवों के देव महादेव यानी शिव जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत कल यानी 16 दिसंबर को है। मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत कल गुरुवार को पड़ रहा है। गुरुवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं गुरु प्रदोष व्रत की क्या है पूजा-विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त…

shiv ji

शुभ मुहूर्त

दिसम्बर 16 (मार्गशीर्ष), शुक्ल त्रयोदशी प्रारम्भ – 02:01 AM
दिसम्बर 17 (मार्गशीर्ष), शुक्ल त्रयोदशी समाप्त – 04:40 AM
प्रदोष काल- 05:27 PM से 08:11 PM

ये है प्रदोष व्रत पूजा-विधि

सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
नहाने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्रों को धारण करें।
अब घर के मंदिर में भंडारी के आगे दीपक प्रज्वलित करें।
अगर संभव हो तो इस व्रत को रखें।
अब शिव जी का गंगा जल से अभिषेक करें।
अभिषेक करने के बाद भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।
यहां ध्यान हो कि भोलेनाथ के साथ ही इस दिन माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
क्योंकि किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत भगवान गणेश की पूजा के साथ ही होती है।
अब भगवान शिव को भोग लगाएं लेकिन सिर्फ सात्विक चीजों का ही भगवान को भोग लगाया जाता है।
अब भगवान शिव जी की आरती करें।
जितना हो सके इस दिन भगवान का ज्यादा से ज्यादा ध्यान करें।