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शनिवार के दिन हनुमान जी को ऐसे करें प्रसन्न, पढ़ें पूरी डिटेल

Margashirsha 2020: आज शनिवार (Saturday) है। इस दिन शनि देव की पूजा की जाती है। लेकिन ये दिन हनुमान जी (Hanuman Ji) को भी समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा (Hanuman ji Worship) भी की जाती है। इस दिन हनुमान जी का मनपसंद भोग (Bhog) लगाने और पूजा (Worship) करने से वो प्रसन्न होते हैं।

नई दिल्ली। आज शनिवार (Saturday) है। इस दिन शनि देव की पूजा की जाती है। लेकिन ये दिन हनुमान जी (Hanuman Ji) को भी समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा (Hanuman ji Worship) भी की जाती है। इस दिन हनुमान जी का मनपसंद भोग (Bhog) लगाने और पूजा (Worship) करने से वो प्रसन्न होते हैं। हम आज इस लेख में आपको बातएंगे उन्हें क्या भोग लगाएं और क्या पहनाएं जिससे उनकी कृपा आप पर बरसे ?

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हनुमान जी को प्रसन्न करने के उपाएं

— हनुमान जी को पाना है या उन्हें प्रसन्न करना है तो भगवान राम का सुमिरन करना चाहिए और नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। अगर हर रोज ना कर सके तो शनिवार को इसका पाठ अवश्य करें। इससे ना सिर्फ हनुमान जी को संतोष मिलेगा बल्कि उनकी कृपा भी आप को मिलेगी।

— हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन भक्त उन्हें कई तरह के प्रसाद का भोग लगाते हैं और कई प्रकार की चीजें भी भेंट करते हैं। लाल मूंग के लड्डू हनुमान जी को चढ़ाने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। हनुमान जी को मंगलवार को बूंदी का भोग लगाया जाता है। बूंदी लाल रंग वाली हो इसका ध्यान रखें।

— हनुमान जी को सिंदूर अति प्रिय है। शनिवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर अर्पित किया जाता है। यदि आपकी परेशानी समाप्त होने का नाम नही ले रही है तो आपको शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में सिंदूर अर्पित करना चाहिये।

— हनुमान जी को आप किसी भी फूलों की माला अर्पित कर सकते हैं लेकिन उन्हें गेंदे के फूल बहुत पसंद हैं। शनिवार को हनुमान जी को फूल की माला अर्पित करते हुए अपनी चिंता बताये । जल्द ही उसका समाधान मिल जाएगा।

सुंदरकांड का करें पाठ

साथ ही इस दिन सुंदरकांड का पाठ (Sundarakand Path) भी किया जाता है। कहा जाता है कि हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सर्वश्रेष्ठ है। सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। सुंदरकांड गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है। रामचरित मानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैं। लेकिन सुंदरकांड का महत्व अधिक बताया गया है।