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Janmashtami 2022: मथुरा के इस मंदिर में एक दिन पहले मनाई जाती है जन्माष्टमी, जानिए क्या है पौराणिक मान्यता?

Janmashtami 2022: सभी मंदिरों में भी भगवान के जन्म उत्सव की तैयारियां जोरों शोरों पर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं मथुरा में एक ऐसा मंदिर है, जहां 1 दिन पहले  ही श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये मंदिर भगवान श्री कृष्ण की पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा है।

नई दिल्ली। इस समय भाद्रपद चल रहा है। हर साल भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म इसी समय रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। देश भर में श्री कृष्ण के स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। बाजार कान्हा के उपयोग और उनकी पसंदीदा वस्तुओं से सज गए हैं। सभी मंदिरों में भी भगवान के जन्म उत्सव की तैयारियां जोरों शोरों पर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं मथुरा में एक ऐसा मंदिर है, जहां 1 दिन पहले  ही श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये मंदिर भगवान श्री कृष्ण की पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा है। इस मंदिर को कटरा केशव देव के नाम से जाना जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर  इस मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व 1 दिन पहले क्यों मनाया जाता है। ऐसा करने की वजह और मान्यता है क्या है? तो आइये हम आपको बताते हैं इसके पीछे का कारण…

कटरा केशव देव के सेवारत पुजारी मुन्नी लाल गोस्वामी ने बताया कि ‘इस बार 18 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। मंदिर में जन्माष्टमी के उत्सव को लेकर तैयारियां चल रही हैं।’ मंदिर में बड़े स्तर पर होने वाले आयोजनों के बारे में पुजारी ने बताया कि ‘इस बार मंदिर को भव्य तरीके से रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा। साथ ही फूल बंगला भी मंदिर प्रांगण में सजाए जाएंगे।’

पंडित मुन्नी लाल गोस्वामी का कहना है कि ‘ब्रज में चार ऐसे मंदिर हैं, जो भगवान श्री कृष्ण के प्रपौत्र बद्रीनाथ के हैं, पहला मंदिर मथुरा कटरा केशव देव, दूसरा मंदिर वृंदावन गोविंद देव, तीसरा बलदेव मंदिर दाऊजी, चौथा मंदिर गोवर्धन हरदेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।’ ऐसा कहा जाता है कि ये सभी मंदिर भगवान कृष्ण के समय के हैं।