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Chaturmas 2021: चातुर्मास के 4 महीनों में भूलकर भी नहीं खानी चाहिए ये 4 चीजें

Chaturmas 2021: चातुर्मास का आखिरी चौथा महीना कार्तिक का होता है जिसमें भगवान विष्णु नारायण रूप में जल में विराजमान रहते हैं। इस महीने में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है। इस महीने में कई चीजों को खाने की मनाही होती है जिनमें दाल, बैंगन, करेला हैं।

नई दिल्ली। आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी से शुरू होने वाला चातुर्मास, देवउठनी एकादशी तक चार महीनों तक चलता है। भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से भोले भंडारी को सृष्टि का संचालक बनाकर चार महीनों के लिए शयन काल में चले जाते हैं। इस दौरान भगवान शिव ही सृष्टि का संचालक बने रहते हैं जिसके बाद जब विष्णु देवउठनी एकादशी पर उठते हैं और सृष्टि का संचालक अपने हाथों में ले लेते हैं। विष्णु के शयन काल का ये जो चार महीने का समय होता है इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, मुंडन सभी कराना वर्जित होता है। हालांकि इस समय को ध्यान और साधना के लिए उत्तम माना जाता है। शास्त्रों में कहा जाता है कि चातुर्मास के इस समय में मनुष्य का पाचन कमजोर हो जाता है ऐसे में कुछ चीजों को इन चार महिनों में खाने से मनाही होती है। इन महीनों में खाने को लेकर कुछ नियम भी बनाए गए हैं जिनका पालन किया जाए तो शरीर को हर रोग से मुक्ति मिलती है।

चातुर्मास के पहले महीने सावन में न खाएं ये चीजें

चातुर्मास का पहला महीना सावन का होता है जो की भगवान शिव को समर्पित है। सावन के पावन महीने में हरी पत्तेदार सब्जियों को खाने की मनाही होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सावन के महीने में हरी पत्तेदार सब्जियों में बैक्टीरिया के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। बैक्टीरिया शरीर और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकार होता है। ऐसे में इस महीने इनका सेवन नहीं किया जाना चाहिए।

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चातुर्मास के दूसरे महीने भाद्रपद में न खाएं ये चीजें

चातुर्मास के दूसरा महीना भाद्रपद का होता है जिसे भगवान कृष्ण का माना जाता है। भाद्रपद को भादो के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें दही या दही से बनी चीजों जैसे छाछ, लस्सी का सेवन नहीं किया जाता है। इसका कारण ये है कि दही में पहले से ही बहुत ये बैक्टीरिया पाए जाते हैं और इस माह में बारिश के कारण इनमें बैक्टीरिया की संख्या पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ जाती है। जो की मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इनसे आंतें हमेशा के लिए कमजोर होने की संभावना बनी रहती है। हालांकि इस महीने में तिल का सेवन फायदेमंद माना जाता है। तिल गर्म होते हैं जिससे शरीर में गर्मी पैदा होती है।

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चातुर्मास के तीसरे महीने में न खाएं ये चीजें

चातुर्मास का तीसरा महीना आश्विन का होता है। इसे क्वार का महीना भी कहा जाता है। इस महीने को देव और पितृ दोनों के लिए खास माना जाता है। शास्त्रों में इसे लेकर कहा गया है कि इस महीने में दूध का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। इस महीने में बारिश होती है और ज्यादातर गाय-भैंस खुले में रहती हैं। इसके कारण दूध में अजीब सी महक और स्वाद आने लगता है साथ ही कई तरह के बैक्टीरिया भी इसमें आ जाते हैं। ऐसे में ये सेहत के लिए खतरनाक होता है। इस महीने में रोजाना गुड़ खाना चाहिए।

चातुर्मास के चौथे महीने में न खाएं ये चीजें

चातुर्मास का आखिरी चौथा महीना कार्तिक का होता है जिसमें भगवान विष्णु नारायण रूप में जल में विराजमान रहते हैं। इस महीने में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है। इस महीने में कई चीजों को खाने की मनाही होती है जिनमें दाल, बैंगन, करेला हैं। कहा जाता है इस महीने में पित्त दोष संबंधित बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है साथ ही दालों और अन्य चीजों के सेवन करने से पित्त दोष मं बढोतरी होती है। इस महीने मूली भी नहीं खाया जाना चाहिए।