नई दिल्ली। देश में खरमास (Kharmas 2020) लग गया है। ये 15 दिसंबर, दिन मंगलवार से शुरू हो गया है। सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश करने पर खरमास लगता है। इस माह में सभी मांगलिक कार्यों और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। इस लेख में खरमास का महत्व और अवधि बता रहे हैं।
खरमास अवधि
खरमास की शुरुआत 15 दिसंबर यानी मंगलवार से हो रही है जो 14 जनवरी 2021 को समाप्त होगा। इस अवधि के बीच में कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। 14 जनवरी 2021 के बाद ही आप कोई शुभ कार्य कर पाएंगे। इस माह में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए और इसके बाद भगवान को याद कर सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इससे काफी शुभ फल मिलता है।
खरमास महत्व
खरमास के माह में भगवान विष्णु और कृष्ण भगवान की पूजा की जाती है, जिससे विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसलिए इस माह में उनका स्मरण जरूर करना चाहिए। साथ ही इस माह में पवित्र नदी में स्नान चाहिए, ये भी काफी शुभ माना जाता है। पवित्र नदी में स्नान करने से पापों और रोगों से मुक्ति मिलती है।
वहीं, इस माह में धार्मिक यात्रा पर जानें का काफी महत्व है। इसलिए इस माह में धार्मिक यात्रा पर भी जाना चाहिए। इस माह में दान-पुण्य भी करना चाहिए और साधु-संतों की सेवा करनी चाहिए। ऐसा करना काफी शुभ होता है। साथ ही इससे सौभाग्य आता है।
खरमास में वर्जित कार्य
इस माह में शादि, गृह प्रवेश, जनेऊ जैसे मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। खरमास खत्म होने के बाद ही आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। साथ ही इस माह में मांस और मदिरा का भी सेवन नहीं करना चाहिए। इनका सेवन करने से जिंदगी में परेशानियां आने लगती हैं।