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Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2021) आज यानी 11 मार्च को पड़ रही है। ये दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है।

नई दिल्ली। महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2021) आज यानी 11 मार्च को पड़ रही है। ये दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस दिन भगवान शिव का व्रत करता है और पूरे विधि-विधान से पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही परेशानियों का अंत भी हो जाता है।

महा शिवरात्रि मुहूर्त

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06 बजकर 27 मिनट से शाम 09 बजकर 29 मिनट तक,मार्च 11

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – शाम 09 बजकर 29 मिनट से सुबह 12 बजकर 31 मिनट तक, मार्च 12

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – सुबह 12 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक, मार्च 12

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – सुबह 03 बजकर 32 मिनट से सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक, मार्च 12

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – शाम 02 बजकर 39 मिनट से, मार्च 11

चतुर्दशी तिथि समाप्त – शाम 03 बजकर 02 मिनट से, मार्च 12

शिव और शक्ति के मिलन का महान पर्व

शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का एक महान पर्व है। दक्षिण भारतीय पंचांग के मुताबिक माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महा शिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। उत्तर भारतीय पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। दोनों पंचांग में सिर्फ महीनों के नामकरण की परंपरा का अन्तर है, क्यूंकि दोनों ही पद्धति में शिवरात्रि एक ही दिन मनाई जाती है।

क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि

हिंदू पौराणिक कथाओं में कई कहानियां है महाशिवरात्रि मनाने पर। लेकिन 3 मान्यताएं ज्यादा प्रचलित हैं इसलिए हम वो आपको बताने जा रहे हैं।

— ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही शिव जी पहली बार प्रकट हुए थे। मान्‍यता है कि शिव जी अग्नि ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हु थे, जिसका न आदि था और न ही अंत। कहते हैं कि इस शिवलिंग के बारे में जानने के लिए सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने हंस का रूप धारण किया और उसके ऊपरी भाग तक जाने की कोशिश करने लगे, लेकिन उन्‍हें सफलता नहीं मिली। वहीं, सृष्टि के पालनहार विष्‍णु ने भी वराह रूप धारण कर उस शिवलिंग का आधार ढूंढना शुरू किया लेकिन वो भी असफल रहे।

— इसके अलावा एक और कथा प्रचलित है। जिसके मुताबिक, महाशिवरात्रि के दिन ही विभन्नि 64 जगहों पर शिवलिंग उत्‍पन्न हुए थे। हालांकि 64 में से केवल 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में जानकारी उपलब्‍ध। इन्‍हें 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम से जाना जाता है।

— इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि महाशिवरात्रि की रात को ही भगवान शिव शंकर और माता शक्ति का विवाह संपन्न हुआ था। इसलिए महाशिवरात्रि मनाई जाती है।