नई दिल्ली। सनातन धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्व होता है। इस दौरान पितृों को खुश कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रावधान है। इस वर्ष पितृ पक्ष का आरंभ 10 सितंबर से हो रहा है। इसकी शुरूआत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से ही हो जाती है और समापन आश्विन मास की अमावस्या पर होता है। यही कारण है कि इसे ‘सर्वपितृ अमावस्या’ के नाम से जाना जाता है। इस बार पितृ पक्ष 10 सितंबर से 25 सितंबर तक रहेगी। सर्वपितृ अमावस्या के समाप्त होते ही नवरात्रि का आरंभ हो जाता है। आइये इसके बारे में आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
पितृ पक्ष का महत्व
पितृ पक्ष के दौरान न तो कोई शुभ कार्य किया जाता है और न ही किसी नई चीज की खरीदारी की जाती है। ऐसा मान्यता है कि पितृ पक्ष में खुशी का कोई कार्य करने से पितरों की आत्मा को काफी कष्ट पहुंचता है। इसके अलावा, पितृ पक्ष में कुछ विशेष उपाय करने से कुंडली में मौजूद पितृ दोष भी दूर होते हैं। इसमें पितरों के निमित्त पिंडदान किया जाता है। दान-पुण्य और ब्रह्म भोज करवाया जाता है। ऐसा करने से अतृप्त आत्माओं को शांति प्राप्त होती है। सेवा और पितृ तर्पण से प्रसन्न होकर पितर अपने परिजनों को सुखी-समृद्ध और संपन्न रहने का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। पितृ पक्ष में कुछ लोग नियमित रूप से रोज पितरों के लिए तर्पण करते हैं, तो कुछ विशेष तिथियों पर। तो कौन सी हैं वो तिथियां आइये जानते है…
पितृ पक्ष की महत्वपूर्ण तिथियां
10 सितंबर 2022- पूर्णिमा श्राद्ध भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा
11 सितंबर 2022- प्रतिपदा श्राद्ध, आश्विन, कृष्ण प्रतिपदा
12 सितंबर 2022- आश्विन, कृष्ण द्वितीया
13 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण तृतीया
14 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण चतुर्थी
15 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण पंचमी
16 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण षष्ठी
17 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण सप्तमी
18 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण अष्टमी
19 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण नवमी
20 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण दशमी
21 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण एकादशी
22 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण द्वादशी
23 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण त्रयोदशी
24 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण चतुर्दशी
25 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण अमावस्या