newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Pradosh Vrat 2021: इस दिन है प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि और मुहूर्त

Pradosh Vrat 2021: दक्षिण भारत में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का विशेष महत्व है। इसे प्रदोषम के नाम से भी जाना जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

नई दिल्ली। दक्षिण भारत में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2021) का विशेष महत्व है। इसे प्रदोषम के नाम से भी जाना जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ये व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है जिसमें से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है। इस बार ये व्रत बुधवार को पड़ रहा है, ऐसे में इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है।

इस बार प्रदोष व्रत 10 मार्च को पड़ रहा है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि बुध प्रदोष व्रत करने से बच्चों की बुद्धि तेज होती है। इसके अलावा संतान निरोगी रहती है और उनका जीवन सुखमय होता है।

प्रदोष व्रत मुहूर्त

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त 10 मार्च को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगा। जो अगले दिन 11 मार्च 2021 को 02 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

Shivtandava Stotra

प्रदोष व्रत में ऐसे करें पूजा

इस दिन जल्दी उठकर स्नानादि करना चाहिए। पूजा प्रदोष काल में ही करनी चाहिए, जो सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक है। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। उन्हें चंदन, फूल, अक्षत, रोली और धूप आदि चढ़ाएं। माता पावर्ती को लाल चुनरी और सुहाग का सामान चढ़ाएं। इसके अलावा इस दिन भगवान शिव की चालिसा और आरती का भी जाप करना चाहिए।