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Holi 2021: इस बार होली पर पड़ रहा है 500 साल बाद दुर्लभ योग

Holi 2021: होली (Holi 2021) रंगो का त्योहार है। जिसका नाम सामने आते ही मन में उमंग और उल्लास का भाव आने लगता है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। जो पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है।

नई दिल्ली। होली (Holi 2021) रंगों का त्योहार है। जिसका नाम सामने आते ही मन में उमंग और उल्लास का भाव आने लगता है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। जो पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। हिंदुओं के पवित्र त्योहारों में से होली एक प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार होली 29 मार्च को मनाई जाएगी।

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इस पर्व को भी असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। जहां एक तरफ होली वाले दिन सभी तरह तरह के रंगों में रंगे दिखाई पड़ते है, तो वहीं दूसरी तरफ इससे एक दिन पहले होलिका दहन की जाती है, जिसे भक्त प्रह्लाद के विश्वास और उसकी भक्ति के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होलिका दहन को होलिका दीपक या छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है जो होली से एक दिन पहले मनाया जाता है।

500 साल बाद पड़ रहा दुर्लभ योग

इस बार होली पर 500 वर्षों बाद एक बहुत ही दुर्लभ योग बन रहा है। इसके साथ ही दो बहुत ही खास संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इस बार होली बहुत ही खास रहने वाली है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार होली मार्च 2021 को फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को पड़ रही है। इसी दिन ध्रुव योग का भी निर्माण हो रहा है। साथ ही साथ 500 वर्ष बाद इस होली में एक विशेष दुलर्भ योग भी बन रहा है। इससे पहले यह योग 03 मार्च, सन् 1521 को पड़ा था। इस बार होली सर्वार्थसिद्धि योग में मनेगी। साथ ही साथ इस दिन अमृतसिद्धि योग भी रहने वाला है।

29 मार्च को पड़ रही होली

इस साल यानी 2021 में होली 29 मार्च को मनाई जाएगी। साथ ही इस बार होली पर विशेष योग भी पड़ रहा है, इस होली के महत्व को बढ़ा देगी। जीवन को रंगीन बनाने के कारण इस पर्व को रंग महोत्सव भी कहा जाता है। होली के त्योहार को एकता और प्यार का प्रतीक भी माना जाता है। यह एक पारंपरिक और सांस्कृतिक हिंदू त्योहार है। परंपरागत रुप से इसे बुराई पर अच्छाई की सफलता का प्रतीक माना जाता है।