नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पूरे साल कई व्रत, त्योहार आदि पड़ते रहते हैं। सभी त्योहारों का अपना विशेष महत्व होता है। इन्ही में एक महत्वपूर्ण व्रत एकादशी पड़ता है। वैसे तो एकादशी साल के हर महीने में पड़ती है और सभी की अलग-अलग मान्यताएं और महत्व होता है लेकिन ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को ‘निर्जला एकादशी’ के नाम से जाना जाता है। इसे ‘भीमसेनी एकादशी’ भी के नाम से भी जानते हैं। इस बार ये तिथि कल यानी 9 जून को पड़ रही है। इस एकादशी व्रत को सभी एकादशी में सबसे बड़ी एकादशी माना जाता है। ये इस दिन पूरे दिन निर्जला उपवास रखने का नियम है। एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद पीले वस्त्र धारण करना चाहिए इसके बाद पूरे ध्यान और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए। इससे उपासक को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सर्वमनोकामनापूर्तिकारी इस व्रत को करने में कुछ विशेष बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
1. अगर आपने निर्जला एकादशी के व्रत का संकल्प लिया है तो इसके एक दिन पहले ढ़ेर सारा पानी पीएं। नींबू पानी भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
2.पोषक तत्वों से भरपूर नारियल पानी शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता। व्रत से एक दिन पानी नारियल पानी का सेवन करना अच्छा माना जाता है।
3.नमकीन चीजों के शौकीन लोगों को निर्जला एकादशी के एक दिन पहले नमक का कम सेवन करना चाहिए। नमक की अधिक मात्रा व्रत के दौरान प्यास को बढ़ा सकती है।
4.निर्जला एकादशी व्रत के एक दिन पहले अधिक से अधिक पानी वाले फलों का सेवन करना चाहिए। ये शरीर को एनर्जी तो देते ही हैं साथ ही पानी को कमी को भी पूरा करते हैं।
5.इस व्रत को करने से एक दिन पहले ज्यादा भागदौड़ न करें, घर पर रहकर ही आराम करें।
6.किचन में ज्यादा देर तक काम न करें
7. गर्मी में रहने से बचें
8.बाजार या बाहर के काम करने ले बचें, हो सके तो घर से बाहर ही न निकलें।