नई दिल्ली। शार्क टैंक इंडिया दिन पर दिन इंट्रेस्टिंग होता जा रहा हैं। शो को शुरु हुए 8 दिन हो गए अब तक शो में 8 एपिसोड दिखाए जा चुके हैं। इसमें हर दिन कोई ना कोई आंत्रप्रेन्योर अपने बिजनेस आइडिया को लेकर आते हैं और अपने उस बिजनेस आइडिया को शार्क के सामने रखते हैं। इसके बाद शार्क को अगर उनका आइडिया पसंद आता हैं तो वह उसमें फडिंग लगाते हैं। कई बार ऐसा होता हैं कि सारे शार्क को वह आइडिया पसंद आता हैं जिसके बाद उन सब में लड़ाई भी हो जाती हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ आइडिया ऐसे होते हैं जिसमें एक भी शार्क फंड मुहैया नहीं कराते हैं। अब अगर शार्क टैंक के एपिसोड 8 की बात करें तो इसमें दो लड़कियां अपना आइडिया लेकर आई। आइए हम आपको बताते हैं क्या था उनका आइडिया और क्या शार्क को पसंद आया या नहीं-
हाउस ऑफ चिकनकारी ने शार्क टैंक में ली एंट्री
दरअसल, एक वीडियो सोनी लिव ने जारी किया जिसमें दो लड़कियां आई हैं एक नाम आकृति रावल हैं और दूसरी का पूनम रावल हैं। दोनों दिल्ली से आई थी, ये दोनों हाउस ऑफ चिकनकारी के फाउंडर हैं। हाउस ऑफ चिकनकारी ई कॉमर्स ऑनलाइन ब्रैंड हैं, जहां ये लोग अपने चिकनकारी के मॉर्डन स्टाइल को लोगों के पास दुनिया के कोने, कोने तक पहुंचाते हैं, साथ ही इन्होंने अपने 2 साल की करियर में 5000 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार भी दिया हैं, यह सुन के सारे शार्क को काफी खुश हो गए और सभी शार्क को उनका ये आइडिया पसंद भी आया। साथ ही आकृति ने यह भी बताया कि 15000 से ज्यादा लोगों ने हमारे साइट से शॉपिंग भी किया हैं। आकृति ने आगे बताया कि उनका यही मकसद हैं कि इस चिकनकारी की प्रामाणिकता हैं जो इस ब्रैंड की सच्चाई हैं उसे मॉर्डन ऑडियन्स के लिए रेलेवेन्ट बना पाए। इसी को पूरा करने के लिए आकृति ने बताया कि वह चाहती हैं कि 75 लाख की 1 प्रतिशत इक्विटी हैं जिसे सुन कर सारे शार्क चौंक जाते हैं।
लॉकडाउन में शुरु किया था बिजनेस
इन सब के बाद शार्क अनुपम पूछते हैं कि आप दोनों ने ये काम कब शुरू किया जिस पर आकृति की मां पूनम जी ने बताया कि लॉकडाउन में इन्होंने अपनी ड्रेस को स्टाइल करना शुरु किया था। जैसा कि पूनम जी ने बताया कि वह हाउस वाइफ हैं तो वह कुछ ना कुछ डिजाइन करती रहती हैं, जिसकी वजह से एम्ब्रॉयडर और टेलर इनके टच में रहते थे जिसके बाद इन्हें बात का आइडिया आया कि ये लोग साथ में मिल कर इस बिजनेस को शुरु कर सकते हैं। अब देखना यह हैं कि कौन सा शार्क इन्हें फंड देगा और कौन नहीं।