नई दिल्ली। पूरी दुनिया पर महंगाई की मार है। तमाम देशों में पेट्रोल और डीजल महंगी कीमत पर बिक रहा है, लेकिन भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत अभी काफी कम है। इसकी बड़ी वजह है रूस। जबसे रूस और यूक्रेन की जंग शुरू हुई है, तभी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई और ऐसे में भारत ने अपने पुराने दोस्त रूस से कच्चा तेल खरीदना शुरू किया। भारत को रूस से कम कीमत पर कच्चा तेल मिलता है। अब खबर ये है कि भारत ने जून 2024 में रूस से रिकॉर्ड कच्चा तेल खरीदा है।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कह चुके हैं कि भारतीयों पर पेट्रोल और डीजल के महंगे दाम का असर न पड़ने देने के लिए भारत सस्ते में कच्चा तेल खरीदता रहेगा। अब वोर्टेक्सा के आंकड़ों के मुताबिक जून में भारत ने सबसे ज्यादा कच्चा तेल रूस से खरीदा है। वोर्टेक्सा रियल टाइम एनर्जी कार्गो ट्रैकिंग फर्म है। वोर्टेक्सा के डेटा के मुताबिक जून 2024 में भारत के कुल कच्चा तेल आयात में 42 फीसदी रूस का हिस्सा रहा है। जबकि, मई में भारत ने कच्चे तेल के कुल आयात का 37 फीसदी रूस से लिया था। जून में भारत ने इराक से 16 फीसदी, सऊदी अरब से 8 फीसदी, यूएई से 8 फीसदी और अमेरिका से सिर्फ 7 फीसदी कच्चा तेल खरीदा है।
रूस से सस्ते में कच्चा तेल खरीदकर भारत ने 2023 में करीब 8 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा भी बचाई थी। पिछले साल की बात करें, तो भारत ने हर दिन रूस से 16 लाख बैरल से ज्यादा कच्चा तेल खरीदा था। जबकि, 2022 में रूस से हर दिन भारत सिर्फ 6.51 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदता रहा था। भारत पर अमेरिका ने पहले दबाव डाला था कि वो रूस से कच्चा तेल न खरीदे, लेकिन भारत ने साफ तौर पर कह दिया था कि वो संप्रभु है और अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए किसी भी देश से कच्चा तेल खरीद सकता है। रूस से सस्ते दाम पर ज्यादा कच्चा तेल लेने की वजह से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं देखी गई है। जबकि, बाकी दुनिया में इन दोनों उत्पादों की कीमत काफी बढ़ी है।