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Ukraine Crisis: रूस-यूक्रेन जंग से कच्चा तेल पहुंचा 139 डॉलर पर, शेयर बाजार ने भी लगाया गोता

रूस और यूक्रेन युद्ध का सीधा असर कच्चे तेल के दाम पर भी पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी हो रही है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो 2018 के बाद आज कच्चे तेल के दाम सबसे ज्यादा बढ़े हैं। उधर, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में बड़ी गिरावट हुई है।

लंदन/मुंबई। रूस और यूक्रेन युद्ध से पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है। यूक्रेन के शहर कीव और खारकीव का हाल बेहाल है। बमबारी और गोलीबारी से शहर लगभग ध्वस्त हो चुके हैं। रूस और यूक्रेन युद्ध का सीधा असर कच्चे तेल के दाम पर भी पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी हो रही है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो 2018 के बाद आज कच्चे तेल के दाम सबसे ज्यादा बढ़े हैं। तेल की कीमत में सोमवार को 10 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा का उछाल देखा गया। सोमवार को कुछ समय के लिए ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत $ 10 से बढ़कर लगभग $ 139 प्रति बैरल हो गईं। बेंचमार्क यूएस क्रूड लगभग 9 डॉलर बढ़कर 124 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गया। उधर, मुंबई के शेयर बाजार में हफ्ते के पहले कारोबारी दिन आज भारी गिरावट देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE का सेंसेक्स 1,161 पॉइंट टूटकर 53,172 पर खुला। बैंकिंग शेयर्स की जबरदस्त धुलाई हुई है। सेंसेक्स के सभी 30 शेयर्स में गिरावट है। उधर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 379 अंक नीचे 15,867 पर कारोबार कर रहा था। सुबह 9.25 बजे सेंसेक्स 1500 प्वॉइंट से ज्यादा गिरावट के साथ 52,816 पर आ चुका था।

तेल के भाव और बढ़ने के आसार

2008 में कच्चे तेल की दाम ने 147 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड स्तर को छुआ था। इसके बाद आज कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी देखी गई है। कहा जा रहा है कि आने वाले समय में तेल के दाम और बढ़ सकते हैं।जे पी मार्गन ने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि अगर रूस लगातार 2022 तक कच्चे तेल की सप्लाई जारी रहती है तो आने वाले समय में तेल के दाम 189 डॉलर प्रति बैरल का रिकॉर्ड बना सकता है। वहीं अगर सप्लाई प्रभावित हुई तो इसका सीधा असर प्रति दिन 30 लाख बैरल कच्चे तेल की बढ़ती मांग पर पड़ेगा।

भारत भी होगा तेल के बढ़ते दाम से प्रभावित

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की चेतावनी के बाद कच्चे तेल के दामों उछाल आया है।  पुतिन की चेतावनी दी थी कि यूक्रेनी राज्य का दर्जा खतरे में था क्योंकि रूसी सेना ने रणनीतिक स्थानों को पस्त कर दिया था। गौरतलब है कि रूस पूरे यूरोप को उसकी खपत का 35 से 40 फीसदी कच्चा तेल देता है। भारत भी रूस से ही कच्चा तेल सप्लाई करता है।