नई दिल्ली। कभी न्यूज चैनलों पर तो कभी अखबारों में तो किसी इंटरनेट पर मौजूद किसी वेबसाइट पर आपको आयकर विभाग द्वार किसी कंपनी पर की गई छापेमारी से जुड़ी खबरें पढ़ने को जरूर मिलती होंगी। और आपके जेहन कई बार यह सवाल भी उठते होंगे कि आखिर क्यों आयकर विभाग की तरफ से कंपनियों पर छापेमारी की जाती है। तो हम आपको अपनी आगे की रिपोर्ट में इन सभी सवालों के जवाब पूरे तफसील से देने जा रहे हैं, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि आयकर विभाग की तरफ से हीरानंदानी ग्रुप पर छापेमारी की गई है। बता दें कि केंद्रीय एसेंजी की तरफ से मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु में लगभग 24 स्थानों पर तलाशी ली। वहीं, खबर है कि कंपनी से जुड़े शीर्ष अधिकारियों से भी पूछताछ का सिलसिला शुरू हो चुका है। अब ऐसे में आगे चलकर इस पूछताछ की क्या परिणीति निकलकर सामने आती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन चलिए अब आगे यह जान लेते हैं कि आखिर हीरानंदनी कंपनी क्या है और यह क्या काम करती है।
तो आपको बताते चलें कि हीरानंदानी रियल स्टेट की कंपनी है। इस कंपनी का मुंबई शहर में पवई में कॉन्डोमिनियम, पेंटहाउस, बंगले और वाणिज्यिक परिसरों से युक्त अपमार्केट टाउनशिप है। हीरानंदानी का निर्माण हीरानंदानी समूह द्वारा किया गया था और इसे उत्तर से जेवीएलआर और दक्षिण से एलबीएस मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। हीरानंदानी में आवासीय भवन, कार्यालय भवन, अस्पताल, स्कूल, उद्यान, सामुदायिक केंद्र, स्पोर्ट्स क्लब, बैंक, शॉपिंग मॉल, फिल्म स्टूडियो, बस गैरेज, होटल, रेस्तरां, पब और स्विमिंग पूल शामिल हैं। 250 एकड़ के क्षेत्र में फैले इस टाउनशिप में 42 आवासीय भवन और 23 वाणिज्यिक भवन हैं, जो एसईजेड श्रेणी (केंसिंगटन) के अंतर्गत आते हैं।
Breaking: Income tax department is conducting searches on Hiranandani group. Income tax is conducting searches on around 24 locations of including senior officials residence in Mumbai, Chennai and Bangalore. @ZeeBusiness @AnilSinghvi_ @SwatiKJain @IncomeTaxIndia @FinMinIndia
— Tarun Sharma (@talktotarun) March 22, 2022
जानिए कंपनी की पृष्ठभूमि
विदित है कि 1986 में हीरानंदानी समूह ने 230 एकड़ भूमि के विकास और किफायती आवास के निर्माण के लिए समूह, महाराष्ट्र राज्य और MMRDA के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। अनुबंध पर ₹0.40 (2020 में ₹5.00 या 6.6′ यूएस के बराबर) प्रति एकड़ की दर से हस्ताक्षर किए गए थे। अनुबंध के अनुसार, रियल एस्टेट डेवलपर को “मध्यम आय समूह के घरों” (सस्ती आवास) के रूप में 430 फीट 2 और 861 फीट 2 (प्रत्येक में 50%) के अपार्टमेंट का निर्माण करना था।