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Symptom: ओमिक्रॉन के शरीर में प्रवेश करते ही दिखते हैं ये लक्षण, तुरंत हो जाइए सावधान

ओमिक्रॉन वैरिएंट की चपेट में आने के 48 घंटे के भीतर ही लक्षण दिखने लगते हैं। पहले के वैरिएंट्स में लक्षण दिखने में करीब 4 दिन का वक्त लगता था। इसकी वजह से डॉक्टरों को लैब टेस्ट के लिए इंतजार करना पड़ता था। बता दें कि ओमिक्रॉन से भारत में भी एक शख्स की मौत हो चुकी है।

नई दिल्ली। देश में ओमिक्रॉन लगातार बढ़ रहा है। हर रोज इसके सैकड़ों मरीज अब सामने आ रहे हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ओमिक्रॉन से आप कैसे बच सकते हैं और इसके शुरुआती लक्षण क्या हैं। आम तौर पर देखा जा रहा है कि ओमिक्रॉन के मरीजों को हल्के लक्षण होते हैं। इनमें खास तौर पर सिरदर्द, बदन दर्द और थकान हैं। लेकिन ये लक्षण उन मरीजों में पाए गए हैं, जिनमें ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हो चुकी होती है। तो फिर आप कैसे जान पाएंगे कि ओमिक्रॉन का वायरस आपके भीतर प्रवेश कर चुका है ? इसका जवाब है चकत्ते या दाने। विशेषज्ञों ने इस लक्षण को ओमिक्रॉन का शुरुआती दौर बताया है। उनके मुताबिक इस लक्षण को देखते ही सावधान होना चाहिए। इसके अलावा भूख न लगना और मितली आना भी इसके अहम लक्षण हैं। ये लक्षण भी पहले के वैरिएंट्स में नहीं देखे गए थे।

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विशेषज्ञों के मुताबिक हाथ और पैर पर दाने या चकत्ते देखते ही सतर्क हो जाइए कि आपको ओमिक्रॉन हो सकता है। इन चकत्तों में खुजली भी हो सकती है। इसके अलावा ये चकत्ते या दाने आगे चलकर पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। कोहनियों और घुटनों के आसपास इनकी ज्यादा संख्या देखी जाती है। लंदन के डॉक्टरों ने भी पहले बताया था कि ओमिक्रॉन के मरीजों के शरीर पर उन्हें काफी दाने और चकत्ते देखने को मिले। इस तरह इसे भी अब ओमिक्रॉन वैरिएंट के शुरुआती लक्षणों में शामिल कर लिया गया है। इसके अलावा इस वैरिएंट के मरीजों में भूख भी खत्म हो जाती है।

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कोरोना के पहले आए सभी वैरिएंट के दौरान खांसी, जुकाम, गला खराब होना, तेज बुखार जैसे लक्षण देखे जा रहे थे। अब ओमिक्रॉन वैरिएंट में ये लक्षण बदल चुके हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट की चपेट में आने के 48 घंटे के भीतर ही लक्षण दिखने लगते हैं। पहले के वैरिएंट्स में लक्षण दिखने में करीब 4 दिन का वक्त लगता था। इसकी वजह से डॉक्टरों को लैब टेस्ट के लिए इंतजार करना पड़ता था। बता दें कि ओमिक्रॉन से भारत में भी एक शख्स की मौत हो चुकी है। इस वजह से आपका सावधान रहना काफी जरूरी है। खासकर बच्चों को लेकर जरूर सावधानी बरतिए, क्योंकि अभी ये पता नहीं है कि ओमिक्रॉन अपनी अगली चाल किस तरह चलेगा।