नई दिल्ली। कोरोनावायरस इस वक्त मानव जीवन के लिए संकट बना हुआ है। इस महामारी से मरने वालों की संख्या 5 लाख से अधिक हो चुकी है। हालांकि इसके प्रकोप के बीच एक राहत की खबर सामने आई है। बता दें कि अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो ने कहा है कि कोरोना वायरस वैक्सीन की टेस्टिंग के दौरान जो नतीजे सामने आए हैं, वो काफी उत्साहित करने वाले हैं।
इनोवियो ने दावा किया कि INO-4800 नाम की वैक्सीन 40 लोगों पर किए गए ट्रायल के दौरान 94 फीसदी सफल रही। इस फर्म के मुताबिक ये वो लोग थे जिनका पहले चरण का क्लिनिल ट्रायल पूरा हो चुका था। मतलब इन्हें चार सप्ताह में दो इंजेक्शन दिए गए थे।. इनोवियो के इस टीके को INO-4800 कहा जाता है, इसे एक व्यक्ति के डीएनए को इंजेक्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ एक विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रणाली प्रतिक्रिया निर्धारित की जा सके।
इनोवियो के सीईओ जोसेफ किम ने कहा कि इनोवियो की दवा एकमात्र डीएनए वैक्सीन है, जो कमरे के तापमान पर एक साल से अधिक समय तक स्थिर रहती है। इसे कई वर्षों तक ट्रांसपोर्टेश और स्टोरेज लिए रेफ्रिजिरेशन की जरूरत नहीं होती है। INO-4800 वैक्सीन के प्रयोग से ये बात सामने आई कि, सभी लोगों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी उनकी इम्यूनिटी बढ़ी है।
इनोवियो ने एक बयान में कहा, ’10 जनवरी को चीन के रिसर्चर्स ने कोरोना वायरस का जेनेटिक कोड जारी किया। हमारी टीम ने उस सीक्वेंस को सॉफ्टवेयर के जरिए कोड किया और फॉर्मूला तैयार कर लिया। यह डीएनए वैक्सीन कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को पहचानकर वैसे ही प्रोटीन का निर्माण कर वायरस को गुमराह करेगी। ऐसे में जैसे ही वायरस उस प्रोटीन के पास आएगा, तो वैक्सीन के प्रभाव से खत्म हो जाएगा।’