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राहत की खबर : एक ऐसे टेस्ट को मिली मंजूरी जिससे 15 मिनट में लगेगा कोरोना संक्रमण का पता

गौरतलब है कि इस टेस्ट में नाक से स्वाब लिया जाता है और 15 मिनट में वायरस प्रोटीन के अंश का पता लगा देता है। स्वाब के नमूने को रासायनों के साथ मिलाकर परखनली में डाला जाता है।

नई दिल्ली। सस्ता और चिकित्साकर्मियों को मास स्क्रीनिंग में काफी आसानी होने वाले एंटीजन टेस्ट को अमेरिका ने मंजूर दे दी है। इस टेस्ट की उपयोगिता को गंभीर बताते हुए अमेरिकी विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर अमेरिका में कामकाज को वापस से गति देनी है और स्कूल-कॉलेज खोलने हैं तो ये टेस्ट काफी आवश्यक है।

antigen test

इस टेस्ट के बारे में बताया जा रहा है कि यह टेस्ट न सिर्फ सस्ता है बल्कि इससे चिकित्साकर्मियों को मास स्क्रीनिंग में काफी आसानी होगी। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने टेस्ट को मंजूरी देने के बाद कहा कि नए तरह का यह परीक्षण संक्रमितों के इलाज में कारगर होगा। आपको बता दें कि इस टेस्ट को सेन डियागो के क्यूडेल कॉरपोरेशन ने विकसित किया है। हालांकि इस टेस्ट की विश्वसनीयता को लेकर कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि टेस्टिंग के आदर्श मापदंडों के मुकाबले इस टेस्ट की सटीकता कम है और इसका संचालन भी विशेष उपकरणों से ही होता है।

antigen test nose

गौरतलब है कि इस टेस्ट में नाक से स्वाब लिया जाता है और 15 मिनट में वायरस प्रोटीन के अंश का पता लगा देता है। स्वाब के नमूने को रासायनों के साथ मिलाकर परखनली में डाला जाता है। फिर ई-रीडिंग डिवाइस में डालकर एंटीबॉडी युक्त परीक्षण पट्टिका के जरिये पता लगाया जाता है।

संक्रमितों में से वायरस के प्रोटीन कणों को पकड़ा जाता है। फ्लू जैसे कई संक्रमण की फौरन जांच के लिए डॉक्टर इसी तरीके का इस्तेमाल करते हैं। बड़े पैमाने पर संक्रमण जांच के लिए यह टेस्ट जरूरी है, पर इसमें कई मरीज छूट भी सकते हैं। कोरोना संकट के बीच हार्वर्ड के विशेषज्ञों ने कहा था कि अकले में रोजाना 9 लाख टेस्ट होने चाहिए। यह मौजूदा टेस्ट क्षमता से तीन गुना है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान टेस्ट की सटीकता बढ़ाने व आसान बनाने को 1.5 अरब डॉलर खर्च कर रहा है। ताकि लोग खुद टेस्ट कर सकें।

antigen test mouth

इसके सटीक परिणामों पर एफडीए ने इस टेस्ट के 80 फीसदी सटीक साबित होने का दावा किया है। यह सटीकता मौसमी फ्लू में होने वाले एंटीजन टेस्ट के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि एंटीजन टेस्ट से संक्रमण लक्षणों वाले निगेटिव मरीजों की भी पुख्ता जांच हो पाएगी। ओराश्योर टैक्नोलॉजी ने अमेरिकी सरकार से 70 करोड़ डॉलर की डील की है। यह लार आधारित एंटीजन टेस्ट तैयार करने की दिशा में बढ़ रही है, जिसे बिना किसी पेशेवर और उपकरण के 20-30 मिनट में अंजाम दिया जा सकेगा।