नई दिल्ली। देश में कोरोना संकट के बीच एक राहत की खबर आई है। भारत की फार्मा कंपनी सिप्ला अगस्त महीने में फैवीपिराविर दवा लॉन्च करने वाली है। जिसका इस्तेमाल कोरोना के मरीजों के इलाज में होगा। खबरों की माने तो, सीएसआईआर यानी काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ने कम लागत में यह दवा तैयार की है।
सिप्ला को डीसीजीआई से यह दवा लॉन्च करने की इजाजत मिल गई है। भारत में सिप्ला इस दवा को ‘सिप्लेंजा’ ब्रांड नाम से लॉन्च करेगी। यह अगस्त के पहले हफ्ते में बाजार में आ जाएगी। इस दवा की एक टैबलेट की कीमत 68 रुपये तय की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिप्ला ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में दवा बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। डीसीजीआई ने देश में आपातकालीन स्थितियों में फैवीपिरावीर की इजाजत दी है, जिससे सिप्ला जल्द कोरोना के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल के लिए यह उत्पादन लॉन्च करेगी।
खास बात ये है कि कंपनी नई टेक्नोलॉजी के जरिए इस दवा को बना रही है। इससे इस दवा की कीमत काफी कम हो गई है। बहुत कम समय में सिप्ला ज्यादा मात्रा में इस दवा का उत्पादन करेगी। जानकारी के लिए बता दें कि मूल रूप से जापान की कंपनी फुजी फार्मा ने यह दवा तैयार की है। क्लिनिकल ट्रायल में फैवीपिराविर के अच्छे नतीजे मिले हैं।
कम और मध्यम स्तर के संक्रमण के इलाज में यह दवा कारगर साबित हुई है। सीएसआईआर ने देश में उपलब्ध केमिकल्स का इस्तेमाल करके इस दवा के लिए ऐक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआई) तैयार किया। फिर उसने इसे दवा के उत्पादन के लिए सिप्ला को दिया।