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Good News: कोविशील्ड के बाद भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मिली आपातकालीन उपयोग की मंजूरी

Covaxin Approval: भारत बायोटेक(Bharat Biotech) की द्वारा बनाई जा रही कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को आपातकालीन उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिली है।

नई दिल्ली। एक जनवरी को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की अहम बैठक में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई थी इसके एक दिन बाद ही अब देश को पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन मिल गई है। बता दें कि शनिवार को जारी एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया कि भारत बायोटेक की द्वारा बनाई जा रही कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को आपातकालीन उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिली है। फिलहाल, खबर लिखे जाने तक एक्सपर्ट कमेटी की बैठक जारी थी। कुछ ही देर में इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है। इससे पहले कोविशील्ड को मंजूरी मिली थी। आपको बता दें कि देश में कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को अनुमति देने के लिए शनिवार को भी स्वास्थ्य मंत्रालय के SEC (Subject Expert Committee) की बैठक हुई, जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट के वैक्सीन को अंतिम मंजूरी दी गई।

Covaxin

वहीं आज की बैठक में कोविशील्ड वैक्सीन के अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की गई है। गौरतलब है कि SEC(Subject Expert Committee) ही वैक्सीन के इस्तेमाल की प्राथमिक मंजूरी देती है। बता दें कि साल 2021 के पहले ही दिन एक्सपर्ट कमेटी ने सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की जा रही ‘कोविशील्ड वैक्सीनोविशील्ड वैक्सीन’ के आपातकालीन इस्तेमाल को अनुमति दे दी थी। जिसके बाद इसे DGCI यानी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा फाइनल अप्रूवल और मिलना था।

corona vaccine

 

बता दें कि देश के कई राज्यों में 2 जनवरी से कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया जा रहा है। ड्राई रन की बात करें तो यह एक तरह से ट्रायल है, जिसमें असली वैक्सीन को लाने-ले जाने और रखरखाव की प्रक्रिया का टेस्ट किया जा रहा है। इसे आसान शब्दों में समझें तो ड्राई रन के दौरान असली दवा की जगह दूसरी दवा या खाली शीशियों को ठीक उसी तरह से ट्रांसपोर्ट करना होगा जैसे असली दवा को किया जाना है। इसके बाद उन्हें अस्पतालों में वैसे ही रखा जाता है जिस तरह से असली दवा को रखा जाएगा। एक तरह असली दवा के लिए जितने भी कदम उठाए जाते हैं, ठीक वैसे ही दूसरी दवा के लिए किए जाते हैं। यह एक तरीका है पता लगाने का कि कोरोना वैक्सीन के वैक्सीनेशन के लिए कितनी तैयारियां हैं।