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Omicron: यूरोप से अमेरिका तक कोरोना का हाहाकार, लगातार दूसरे साल क्रिसमस की खुशियों को लगा ग्रहण

कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट से खौफजदा यूरोप और अमेरिका में लगातार ये दूसरा साल होगा, जब लोग क्रिसमस का त्योहार ठीक से नहीं मना सकेंगे। यूरोपीय देशों ने क्रिसमस के मौके पर भीड़भाड़ रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली है। यूरोप और अमेरिका में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट अब भी हाहाकार मचा रहा है।

लंदन/वॉशिंगटन। कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट से खौफजदा यूरोप और अमेरिका में लगातार ये दूसरा साल होगा, जब लोग क्रिसमस का त्योहार ठीक से नहीं मना सकेंगे। यूरोपीय देशों ने क्रिसमस के मौके पर भीड़भाड़ रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली है। यूरोप और अमेरिका में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट अब भी हाहाकार मचा रहा है। वहीं, ओमिक्रॉन के मरीज भी बड़ी तादाद में मिलने लगे हैं। यूरोप के देशों के सामने अजब स्थिति है। लोगों की जान बचाने के लिए लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाने जरूरी हैं, लेकिन इससे पहले से खराब अर्थव्यवस्था की हालत और चरमराने के आसार हैं। क्रिसमस और नए साल के मौके पर लोग बहुत खरीदारी करते हैं। इससे सरकार को टैक्स के तौर पर काफी आमदनी होती है, लेकिन अगर लॉकडाउन लगा, तो ये आमदनी ठप पड़ जाएगी।

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यूरोपीय देशों में शुमार नीदरलैंड ने फिर से लॉकडाउन लगाया है। नियमों के तहत यहां क्रिसमस के मौके पर ज्यादा से ज्यादा 2 मेहमान ही घर आ सकते हैं। ब्रिटेन में सरकार को सलाहकारों और महामारी विशेषज्ञों ने सख्त लॉकडाउन लगाने के लिए कहा है। वहां डेल्टा के साथ ही ओमिक्रॉन के मरीजों की तादाद बढ़ रही है। हर रोज 70 से 90 हजार केस आ रहे हैं। डेनमार्क ने थिएटर, सिनेमा, चिड़ियाघर जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों को बंद कर दिया है। यहां टीकाकरण तेजी से चल रहा है और मास्क पहनने की जरूरत खत्म कर दी गई है। इटली, फ्रांस और स्पेन में लॉकडाउन लगाने की फिलहाल कोई तैयारी नहीं है, लेकिन लोगों को भीड़ न लगाने के लिए कहा जा रहा है।

अमेरिका में भी क्रिसमस के त्योहार पर कोरोना का साया गहरा रहा है। हर रोज यहां एक लाख से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। रोग नियंत्रण करने वाली संस्था CDC ने कहा है कि नए मामलों में से 73 फीसदी ओमिक्रॉन के हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एलान किया है कि 5 करोड़ लोगों के घरों तक पहुंचकर कोरोना का मुफ्त टेस्ट कराया जाएगा। कोरोना कंट्रोल करने के लिए 1000 सेना के जवान तैनात किए जा रहे हैं। इनके अलावा सेना के डॉक्टरों की सेवा भी अमेरिकी सरकार ने ली है। यहां की राजधानी वॉशिंगटन डीसी के अलावा बोस्टन, न्यूयॉर्क और टेक्सास में लोगों पर सख्त पाबंदियां भी लगाई गई हैं।