नई दिल्ली। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। इस टेस्ट के माध्यम से कोरोना संक्रमितों की पहचान तेजी से की जा सकेगी। इसके तहत अब कोरोना संक्रमण का टेस्ट सिर्फ 30 मिनट में किया जा सकेगा। आईसीएमआर ने आरटीपीसीआर के साथ एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट का उपयोग करने की सिफारिश की है।
आईसीएमआर ने रविवार को एक सलाह में कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट द्वारा जिन लोगों का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है, संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए आरटी-पीसीआर द्वारा उनकी जांच की जानी चाहिए। हालांकि इस टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव आने वाले को पॉजिटिव ही माना जाएगा और आरटी-पीसीआर द्वारा उसकी जांच की जरूरत नहीं है। एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट की रिपोर्ट 15-30 मिनट के अंदर आ जाती है। इसके लिए किसी विशेष उपकरण की कोई आवश्यकता नहीं होगी है। परीक्षण किट को 2 डिग्री से 30 डिग्री के बीच रखा जाता है। इस किट की कीमत क्या होगी इसको लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।
फ्लू सांस के रोगियों में कोरोना होने का ज्यादा डर!
इस बीच ICMR के आंकड़ों से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ICMR का इशारा यही है कि फ्लू और सांस के रोगियों पर कोरोनावायरस के अटैक करने की संभावना ज्यादा है। फ्लू और गंभीर रूप से सांस की बीमारी से पीड़ित लोग जब कोरोना का टेस्ट कराने आए तो जो नतीजे आए वो चौंकाने वाले थे।
ICMR के अनुसार जनवरी से अब तक 1 लाख 69 हजार 200 सांस के रोगियों का कोरोना टेस्ट हुआ जिसमें से 22 हजार 806 यानी करीब साढ़े 13 फीसदी पॉजिटिव पाए गए। वहीं 4 लाख 9 हजार 672 फ्लू के मरीजों में से 40 हजार 871 कोरोना से संक्रमित पाए गए जो करीब 10 फीसदी के बराबर है। फ्लू और सांस के मरीजों में इस खतरनाक वायरस कोरोना संक्रमण का अटैक सबसे अधिक देश की राजधानी दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में दिखाई दे रहा है। यहां हर तीसरा से छठा फ्लू और सांस का मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया जा रहा है।