नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को अनलॉक की व्यवस्था के लिए नई गाइडलाइन जारी की। सरकार ने अब कोरोना वायरस को लेकर कंटेनमेंट, सावधानियों और सर्विलांस के लिए पहले के जारी दिशानिर्देशों को 31 जनवरी 2021 तक बढ़ाने का फैसला किया है। बता दें कि इस नई गाइडलाइन को लेकर गृह मंत्रालय एक प्रेस रिलीज की है। जिसमें कहा गया है कि देश में कोविड-19 के नए और सक्रिय मामलों में लगातार कमी आई है। ये कमी लगातार बनी हुई है लेकिन ब्रिटेन में कोरोनावायरस के नए वेरिएंट के पाए जाने और दुनिया भर में बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए अभी एहतियात जरूरी है और सर्विलांस, कंटेनमेंट और सावधानियों को पहले की तरह बनाए रखने की आवश्यकता है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, अब भी सावधानी से कंटेनमेंट जोन को चिन्हित किया जाएगा। इन इलाकों में हर तरह के मानकों को कड़े तरीके से लागू किया जाएगा। कोशिश रहे कि कोरोनावायरस का प्रसार न होने पाए। इस वायरस से जुड़े तमाम दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। इसलिए 25 नवंबर को गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कड़े तौर पर लागू करने की जरूरत है।
क्या है पुरानी गाइडलाइंस
- राज्य और केंद्रशासित प्रदेश कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू जैसी स्थानीय पाबंदियां अपने स्तर पर लगा सकते हैं लेकिन निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर किसी भी तरह का लॉकडाउन लगाने से पहले राज्य को केंद्र से विचार-विमर्श करके ही यह कदम उठाना होगा। इसके लिए केंद्र की मंजूरी जरूरी है। मंत्रालय के मुताबिक ‘प्रदेश स्थिति के अपने आंकलन के आधार पर राज्य और केंद्रशासित कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए रात्रिकालीन कर्फ्यू जैसी स्थानीय पाबंदी लागू कर सकते हैं।’
- जिन जगहों पर पॉजिटिविटी रेट राज्य में 10 प्रतिशत से अधिक है, वहां पर राज्य की सरकारें ऑफिस टाइमिंग में बदलाव या अन्य कोई जरूरी कदम उठा सकते हैं। जिला प्रशासन, पुलिस और म्यूनिसिपल अथॉरिटी को कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करवाने की जिम्मेदारी की होगी।
- गाइडलाइंस का पालन नहीं करने वालों पर राज्य सरकार कार्रवाई कर सकती है। जिसमें राज्य सरकार मास्क नहीं लगाने पर, सोशल डिस्टेंस नहीं करने पर जुर्माना लगाना आदि लगा सकती है।
- इंटर स्टेट और इंट्रा-स्टेट ट्रेवल पर आने-जाने को लेकर कोई पाबंदी नहीं होगी। इधर से उधर जाने के लिए किसी तरह के विशेष परमिट की जरूरत नहीं होगी।
- वहीं जिन इलाकों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हों, उन इलाकों में बाजार एक दिन के अंतराल पर खोले जाएं। अगर जरूरी लगे तो बाजार को पूरी तरह से बंद रखा जाए। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले दुकानदारों व कर्मचारियों को दुकान पर आने के लिए मनाही होगी।
- सओपी के अनुसार, मार्केट एसोसिएशन्स को ध्यान रखना होगा कि मार्केटप्लेस में कोरोना गाइडलाइन का पालन हो। निगरानी के लिए प्रत्येक बाजार के लिए एक उप-समिति का निर्माण शामिल है।