वॉशिंगटन/नई दिल्ली। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन कम कारगर हैं। अमेरिका के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर हुए रिसर्च के मुताबिक दोनों वैक्सीन का असर 66 फीसदी है। पहले इनका असर 91 फीसदी बताया जा रहा था। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन CDC की ओर से दोनों टीकों की जांच की गई है। रिसर्च के मुताबिक 6000 स्वास्थ्य कर्मियों पर परीक्षण में दोनों वैक्सीन की एफिकेसी कम होने की बात पता चली। पता ये भी चला कि 2020 के दिसंबर से इस साल अप्रैल की शुरुआत तक टीके की एफिकेसी 91 फीसदी थी, लेकिन अब यह घट गई है। अब अगस्त तक हुए शोध में पाया गया कि फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन का कोरोना के डेल्टा वैरिएंट पर कम असर हो रहा है।
रिसर्च करने वालों के मुताबिक ये भी पता चला है कि टीकों की एफिकेसी यानी असर का प्रतिशत आगे चलकर और कम हो सकता है। पहले भी कई रिसर्च में पता चला था कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट पर वैक्सीनों का असर कम होता है। अमेरिका में जुलाई में डेल्टा ने कहर बरपा दिया था। जर्नल वायरोलॉजिकल के मुताबिक 2020 में पहली लहर की तुलना में डेल्टा वेरिएंट के रोगियों में वायरस की मात्रा 1000 गुना ज्यादा थी।
इस बीच, खबर ये है कि भारत में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड Covishield के दो डोज के बीच का गैप कम हो सकता है। गैप को 12 हफ्ते से घटाकर 8 हफ्ते करने का सुझाव इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन IAPSM ने सरकार को दिया है।