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Omicron: नए वैरिएंट का बढ़ता खतरा देखकर मोदी सरकार हुई और सख्त, अब उठाया ये कदम

महाराष्ट्र में विदेश से आए यात्रियों में से 8 और में ओमिक्रॉन मिला है। भारत में मंगलवार तक ओमिक्रॉन पीड़ित मरीजों की संख्या 53 हो चुकी थी। मोदी सरकार ने हालात को भांपते हुए अब विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए और सख्ती बरतने का फैसला किया है।

नई दिल्ली। विदेश से आए यात्रियों में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के केस लगातार बढ़ते हुए देखकर मोदी सरकार और सख्त हो गई है। सरकार ने अब विदेशी यात्रियों के लिए नई गाइडलाइंस का एलान कर दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस में कहा है कि 20 दिसंबर से खतरे वाले देशों से भारत के 6 एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले यात्रियों को पहले से आरटी-पीसीआर जांच बुक करानी होगी। ये एयरपोर्ट दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद हैं। इन एयरपोर्ट पर अभी तक विदेश से आने के बाद आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने की सुविधा है, लेकिन अब बिना बुकिंग खतरे वाले देशों से आने वालों का टेस्ट नहीं किया जाएगा और उन्हें एयरपोर्ट्स से बाहर भी नहीं आने दिया जाएगा। बता दें कि महाराष्ट्र में 8 और लोगों में ओमिक्रॉन मिला है। इनमें से 7 की कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं है। भारत में मंगलवार तक ओमिक्रॉन पीड़ित मरीजों की संख्या 53 हो चुकी थी।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक आरटी-पीसीआर जांच की बुकिंग के लिए एयर सुविधा पोर्टल पर व्यवस्था की जा रही है। इस पोर्टल पर ही विदेश से आने वाले यात्री अपनी जांच के लिए पहले से बुकिंग करा सकेंगे। नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि वे लोग, जो पिछले 14 दिन में खतरे वाले देश में रहे या वहां गए, उन्हें भी कोरोना की जांच के लिए बुकिंग करानी होगी। यात्रियों को पहले बुकिंग कराने और पेमेंट करने में दिक्कत न हो, इसके लिए व्यवस्था को फिलहाल 6 एयरपोर्ट पर शुरू किया जा रहा है। बाद में अन्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहले से बुकिंग की सुविधा दी जाएगी। 1 हफ्ते पहले जांच की बुकिंग की जा सकती है।

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नई गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर कोई यात्री पहले से जांच की बुकिंग नहीं करा पाता, तो उसे फ्लाइट में चढ़ने से नहीं रोका जाएगा। एयरलाइंस को यात्री की मदद और बुकिंग करानी होगी। बिना टेस्ट बुकिंग के 6 एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले यात्रियों को वहीं उस वक्त तक रोका जाएगा, जब तक कि उनकी बुकिंग करके कोरोना टेस्ट न कर लिया जाए। बता दें कि हर रोज हजारों यात्री विदेश से भारत आते हैं। ऐसे में कोरोना टेस्ट के लिए लंबी कतार लगती है और नतीजा आने तक इन हजारों लोगों को एयरपोर्ट पर ही अलग जगह बिठाना पड़ता है। इससे काफी समस्याएं हो रही थीं।