वॉशिंगटन। दुनिया के ज्यादातर देश कह रहे हैं कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट काफी हल्के लक्षणों वाला है और लोगों की जान के लिए खतरनाक नहीं है। इन देशों के विशेषज्ञों का ये दावा अमेरिका ने झूठा साबित कर दिया है। अमेरिका में ओमिक्रॉन वैरिएंट ने डेल्टा के मुकाबले ज्यादा लोगों की जान ली है। अमेरनिका ने बीते 24 घंटे में 2267 लोगों की जान ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से गई है। वहीं, दुनिया में इस दौरान मौतों की तादाद 10330 रही। अमेरिका में पिछले साल नवंबर से मौतों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वहां डेल्टा के अलावा ओमिक्रॉन वैरिएंट अब ज्यादातर मरीजों में मिल रहा है।
अमेरिका के कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एंड्रू नोएमर के मुताबिक ओमिक्रॉन की वजह से उनके देश में और भी लोगों की मौत होने की आशंका लगातार बढ़ रही है। नोएमर ने कहा कि सरकार को ये सोचना चाहिए कि वो इसे रोकने के लिए और क्या कदम उठा सकती है। अमेरिका में इस वक्त 5.22 लाख एक्टिव कोरोना मरीज हैं। वो इस मामले में दुनिया में पहले नंबर पर है। जबकि, 3.53 लाख एक्टिव मरीजों के साथ फ्रांस दूसरे और 2.57 लाख केस के साथ ब्राजील तीसरे नंबर पर है। अमेरिका में एक रिसर्च से ये भी पता चला है कि वैक्सीन के डोज न लेने वालों की मौत ओमिक्रॉन से हो रही है।
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने कहा है कि नियोकोव नाम के नए कोरोना वायरस के मामले में अभी और रिसर्च की जरूरत है। संगठन ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका के चमगादड़ों में मिला नियोकोव वायरस अभी जानवरों में तेजी से फैलता दिख रहा है। चीन के वुहान स्थित लैब के रिसर्चर्स ने कहा है कि आने वाले वक्त में नियोकोव इंसानों पर भी घातक असर कर सकता है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इस वायरस को लेकर अभी से सभी देशों को और शोध करना चाहिए।