नई दिल्ली। गीतकार, शायर स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर (Javed Akhtar) अपने एक बयान को लेकर काफी विवादों में घिरे रहते हैं। अक्सर वो ऐसा कुछ बोल देते है जिसके बाद वो सुर्खियों में आ जाते है और लोगों के हाथों सोशल मीडिया पर ट्रोल हो जाते है। हाल ही में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान (Taliban) से कर डाली थी। जिसे लेकर काफी बवाल मचा था। उनके इस बयान को लेकर उन्हें काफी ट्रोलिंग झेलनी पड़ी थी। अब उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक लेख लिखा है।
बता दें कि तालिबान को आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के साथ तुलना करने के बाद, जावेद अख्तर को सामना की आलोचना झेलनी पड़ी थी। उसके बाद उन्होंने ये लेख सामना में लिखा। उन्होंने इसमें लिखा है कि हिंदू दुनिया में सबसे “सभ्य” और “सहिष्णु” बहुसंख्यक हैं।
जावेद अख्तर ने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के एक बयान के संदर्भ में ये लेख लिखा। जिसमें उन्होंने बीजेपी का नाम लिए बिना कहा कि सीएम ठाकरे के सबसे बुरे आलोचक भी उनपर किसी भी भेदभाव का आरोप नहीं लगा सकते हैं।
आपको बता दें कि फडणवीस ने कहा था कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की यात्रा के बाद दिवंगत शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के अस्थायी स्मारक की शुद्धिकरण शिवसेना की “तालिबानी मानसिकता” को दर्शाता है। जिसे लेकर जावेद अख्तर ने ये लेख लिखा था।