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Happy Birthday Ajay Devgan: सफलता के शिखर पर पहली फिल्म से काबिज हो गए अजय देवगन, आज भी बने हुए हैं सुपरस्टार

Happy Birthday Ajay Devgan: अपने किरदारों में पर्दे पर जान डाल देनेवाले अभिनेता अजय देवगन को उनके कुशल अभिनय की वजह से दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया जा चुका है। अजय द्वगन की एक खास बात यह भी रही है कि बॉलीवुड में इतने साल तक रहने के बाद भी वह स्टारडम से दूर रहते हैं और किसी फिल्मी पार्टी या अवॉर्ड शो में उन्हें अभी तक स्पॉट नहीं किया गया है।

नई दिल्ली। 2 अप्रैल 1969 को दिल्ली में जन्मे अभिनेता अजय देवगन के परिवार का रिश्ता पहले से ही बॉलीवुड से था। अभिनेता के पिता वीरू देवगन बॉलीवुड के जानेमाने स्टंट मैन थे। जिनका अभी हाल ही में निधन हुआ है। अजय देवगन आज अपना 52 वां जन्मदिन मना रहे हैं। अजय देवगन का असली नाम विशाल वीरू देवगन है और अपने पिता और माता के कहने पर इंडस्ट्री में एंट्री के समय इन्होंने अपना नाम अजय कर लिया था। अजय फिल्म में हीरो बनने के सपने नहीं बल्कि घर में फिल्मी माहौल होने की वजह से फिल्म निर्देशक बनना चाहते थे। अजय देवगन का बॉलीवुड में सफर दो दशक से ज्यादा का हो गया है। इस दौरान अजय ने गंभीर किरदार से लेकर कॉमेडी और एक्शन रोल तक निभाए और पर्दे पर इनके काम को खूब सराहा गया।

अपने किरदारों में पर्दे पर जान डाल देनेवाले अभिनेता अजय देवगन को उनके कुशल अभिनय की वजह से दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया जा चुका है। अजय द्वगन की एक खास बात यह भी रही है कि बॉलीवुड में इतने साल तक रहने के बाद भी वह स्टारडम से दूर रहते हैं और किसी फिल्मी पार्टी या अवॉर्ड शो में उन्हें अभी तक स्पॉट नहीं किया गया है।

अजय देवगन ने अपनी पहली फिल्म फूल और कांटे से हिंदी सिनेमा के रूपहले पर्दे पर अपना पदार्पण किया और वह तभी सुपरस्टार बन गए थे। वह तब से लेकर अब तक इतना सफर तय कर चुके हैं कि उन्हें अब बॉलीवुड का सिंघम कहा जाने लगा है। लेकिन वह बिल्कुल फैमिली मैन हैं आज भी उनका पूरा समय अपने परिवार पत्नी काजोल और बेटी नीसा और बेटे युग के नाम होता है। साल 1999 में अपने करियर के सबसे सफलतम दौर में अजय देवगन ने काजोल से शादी कर ली थी।

अजय देवगन मुंबई के सबसे पॉश इलाके जुहू में अपने बंगले में रहते हैं। अजय देवगन के बारे में सर्वविदित है कि वह भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त हैं ऐसे में उन्होंने अपने बंगले का नाम शिवशक्ति रखा है।

अजय देवगन का फिल्म निर्देशन के प्रति रूझान ही उन्हें शेखर कपूर के करीब ले आया और वह उनके साथ सहायक निर्देशक के तौर पर काम करने लगे। तभी उनकी मुलाकात कुक्कु कोहली से हुई जिन्होंने उन्हें नायक बनने के लिए प्रोत्साहित किया और फिर यहां से अजय देवगन के बतौर हीरो फिल्मी करियर की शुरुआत हुई। फूल और कांटे से लेकर 1998 में आई महेश भट्ट की जख्म तक अजय देवगन कई बेहतरीन किरदारों को पर्दे पर जी चुके थे। लेकिन जख्म में उनके किरदार को इतनी पहचान मिली की उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। इसके बाद आया साल 2002 जब अजय देवगन ने एक और धमाका किया। अजय देवगन की ‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ में दमदार अभिनय की वजह से एक बार फिर उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया।