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Aryan Khan Case: गवाह के बयान के बाद मची सनसनी, दावा- 18 करोड़ में हुई थी डील, NCB ने खारिज किए आरोप

Aryan Khan Case: अपने हलफनामे में प्रभाकर सैल ने ये भी जानकारी दी कि उससे पंचनामा कागच बताकर खाली कागज (Blank paper) पर जबरन साइन करवाया गया। उसे तो इस गिरफ्तारी के बारे में जानकारी भी नहीं थी। प्रभाकर की ओर से एक हलफनामा तैयार किया था जिसमें उसने दावा किया कि वो इस क्रूज रेड के बाद हुए ड्रामे का गवाह है।

नई दिल्ली। मुंबई क्रूज पार्टी में गिरफ्तार आर्यन खान मामले में हर दिन कुछ न कुछ जानकारी सामने आ रही है। अब इस मामले में ऐसी चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिससे हर कोई हैरान रह गया है। किरण गोसावी (Kiran Gosavi) के बॉडीगार्ड रहे प्रभाकर सैल ने एक हलफनामे में कई चौंकाने वाले दावे करते हुए कहा है कि किंग खान (Shah Rukh) के बेटे आर्यन को छोड़ने के लिए 25 करोड़ की मांग की गई है। एक चैनल से बातचीत में प्रभाकर ने बताया है कि आर्यन खान को छोड़ने के लिए गोसावी ने 25 करोड़ रुपये की मांग की थी। सैल के हलफनामे के मुताबिक, गोसावी ने ये मांग एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की तरफ से की थी। यहां आपको बता दें कि प्रभाकर को इस क्रूज ड्रग्स केस में एनसीबी का गवाह भी बनाया गया है। हालांकि एनसीबी ने गवाह के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। वहीं इन आरोपों पर अब शाहरुख को बेटे को गिरफ्तार करने वाले आर्यन खान को गिरफ्तार वाले एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने प्रतिक्रिया दी है। समीर वानखेड़े ने कहा कि, “हम इसका एक उपयुक्त जवाब देंगे।”

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पूजा डडलानी से हुई थी मुलाकात!

अपने नोटरीकृत हलफनामे में प्रभाकर सैल ने बताया है कि वो क्रूज रेड के बाद हुए ड्रामे के दौरान वहां मौजूद थे। उन्होंने किरण गोसावी और सैम नाम के एक शख्स को एनसीबी के दफ्तर के पास मुलाकात करते हुए भी देखा था। प्रभाकर सैल ने दावा करते हुए कहा कि गोसावी और सैम लोअर परेल गए थे, जहां एक ब्लू कलर की गाड़ी वहां आई। प्रभाकर सैल ने दावा करते हुए कहा कि उन्होंने उस ब्लू गाड़ी में शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी को बैठे देखा था।

वानखेड़े को दिए जाने थे 8 करोड़

प्रभाकर सैल की मानें तो जिन 25 करोड़ रुपये की डील की गई थी वो 18 करोड़ में जाकर सेटल हुई। गोसावी ने कथित तौर पर कहा कि इन 18 करोड़ में से 8 करोड़ समीर वानखेड़े को दिए जाने थे और बाकि बची रकम बाकी बचे लोगों में बांटी जानी थी। इसकी अगली सुबह प्रभाकर सैल को टोरेडो भेजा गया, जहां उनसे एक सफेद गाड़ी से 50 लाख रुपए की रकम ली। लेकिन गोसावी ने सैल को वापस होटल रवाना कर दिया, जहां उसने पैसों को सैम को वापस लौटा दिया। सैम ने कहा कि पैसों में 12 लाख रुपये कम हैं वो कैवल 38 लाख हैं। ऐसे में सैम ने गोसावी से बात की, जवाब में उसे पैसे 2 से 3 दिन में लौटाने का वादा किया गया था।

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अपने हलफनामे में प्रभाकर सैल ने ये भी जानकारी दी कि उससे पंचनामा कागच बताकर खाली कागज (Blank paper) पर जबरन साइन करवाया गया। उसे तो इस गिरफ्तारी के बारे में जानकारी भी नहीं थी। प्रभाकर की ओर से एक हलफनामा तैयार किया था जिसमें उसने दावा किया कि वो इस क्रूज रेड के बाद हुए ड्रामे का गवाह है। इस ड्रग्स में प्रभाकर का दावा है कि वो किरण गोसावी के पास बॉडीगार्ड का काम करता था।