newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

गांधी के अहिंसात्मक आंदोलन पर कंगना रनौत ने उठाये सवाल, कहा- “दूसरा गाल आगे करने से भीख मिलती है, आजादी नहीं”

Kangana Ranaut: एक्ट्रेस को हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर विक्रम गोखले का सपोर्ट मिला है। उन्होंने कंगना के इस बयान पर अपनी सहमति जताई है। विक्रम ने कंगना के इसी बयान का सपोर्ट किया और कहा- मैं कंगना के बयान से सहमत हूं। हमें आजादी दी गई थी।

नई दिल्ली। एक बार फिर बॉलीवुड की पंगा क्वीन कंगना रनौत ने अपने ‘1947 में भीख में आज़ादी’ वाले बयान का बचाव किया है। एक्ट्रेस कंगना रनौत ने एक पुरानी खबर शेयर करते हुए लिखा है कि किस तरह महात्मा गाँधी इस बात को लेकर राज़ी हो गए थे कि अगर सुभाष चंद्र बोस मिलते हैं तो उन्हें अंग्रेजों को सौंप दिया जाएगा। कंगना रनौत ने लिखा, “जिन्होंने सच में आज़ादी की लड़ाई लड़ी, उन्हें उन लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया, जिनके खून में वो साहस, गर्मी और आग नहीं ही कि वो स्वतंत्रता के लिए लड़ सकें।”

kangna

कंगना ने लिखा कि भारतीयों पर अत्याचार करने वालों के विरुद्ध खड़े न होकर सत्ता के भूखे थे, धूर्त थे। ऐसे ही लोगों ने हमें सिखाया कि अगर कोई तुम्हारे एक गाल पर तमाचा मारा जाए तो दूसरे गाल को आगे कर दो, ऐसे ही आज़ादी मिलेगी। कंगना रनौत ने आगे लिखा कि आज़ादी इस तरह से नहीं मिलती, इस तरह केवल भीख मिल सकती है।

kangana_ranaut_gandhi

कंगना रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, “उन सभी को एक साथ अपनी यादों में रखना और हर साल जयंती पर याद करना केवल बेवकूफाना ही नहीं है, बल्कि गैर-जिम्मेदाराना और सतही भी है। लोगों को न सिर्फ अपना इतिहास पता होना चाहिए, बल्कि अपने नायकों के बारे में भी ज्ञान होना चाहिए।”


बता दें, एक शो में ‘1947 में भीख में आज़ादी मिली’ वाले कंगना के बयान का लिबरल और सेक्युलर गिरोह विरोध कर रहा है। कंगना ने शो के दौरान बयान दिया था जिसमें उन्होंने देश की आजादी को लेकर कहा था कि 1947 में जो आजादी मिली थी वह भीख थी। देश को असली आजादी साल 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी की अगुआई में भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई। कंगना के इस बयान उन्हें काफी आलोचओं का सामना करना पड़ रहा है। कंगना के खिलाफ एफआईआर की मांग उठने लगी है।


दिग्गज अभिनेता विक्रम गोखले ने किया समर्थन

एक्ट्रेस को हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर विक्रम गोखले का सपोर्ट मिला है। उन्होंने कंगना के इस बयान पर अपनी सहमति जताई है। विक्रम ने कंगना के इसी बयान का सपोर्ट किया और कहा- मैं कंगना के बयान से सहमत हूं। हमें आजादी दी गई थी। ब्रिटिश राज के दौरान जब स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गई थी, तब कई लोग सिर्फ मूकदर्शक थे। इन मूकदर्शक में कई दिग्गज नेता भी शामिल थे। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को नहीं बचाया जो उनके खिलाफ लड़े थे।