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Protest: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने की ईशनिंदा कानून लाने की बात तो शबाना आजमी, जावेद अख्तर और नाशीरुद्दीन शाह ने दिया ऐसा रिएक्शन

Protest: एआईएमपीएलबी ने अपनी मीटिंग में ईशनिंदा कानून बनाने के अलावा सीएए कानून वापस लेने की भी मांग की थी। साथ ही बोर्ड ने कहा था कि एक समान नागरिक संहिता लाने के मोदी सरकार के किसी भी कदम का विरोध किया जाएगा। बोर्ड पहले ही तीन तलाक संबंधी कानून का विरोध करता रहा है।

नई दिल्ली। पिछले दिनों ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड AIMPLB की मीटिंग में ईशनिंदा के खिलाफ कानून बनाने का प्रस्ताव पास किया गया था। बोर्ड ने प्रस्ताव पास कर मांग की थी कि केंद्र की मोदी सरकार इस बारे में कानून बनाए। बोर्ड की इस मांग के खिलाफ आवाज उठ रही है। गीतकार जावेद अख्तर, उनकी पत्नी और एक्टर शबाना आजमी और नसीरुद्दीन शाह समेत तमाम मुसलमान ही बोर्ड की इस मांग के खिलाफ हैं। इंडियन मुस्लिम फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी यानी IMSD ने एक बयान में कहा है कि वह भारत में ईशनिंदा विरोधी कानून के लिए एआईएमपीएलबी और कुछ अन्य संगठनों की असंवैधानिक मांग का कड़ा विरोध करता है। बयान में कहा गया है कि हम हिंदुत्व की कुछ नफरत फैलाने वाली फैक्ट्रियों के लगातार प्रयासों की निंदा करते हैं, जो इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने के लिए काम कर रही हैं।

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बयान में ये भी कहा गया है कि आईएमएसडी इस सिद्धांत का पूरी तरह से समर्थन करता है कि धर्मनिरपेक्ष राज्य में ईशनिंदा को अपराध बनाने वाले कानून के लिए कोई जगह नहीं हो सकती है। इस बयान का लगभग 400 धर्मनिरपेक्ष भारतीयों ने समर्थन किया है। इनमें मुसलमान भी शामिल हैं। संगठन के इस बयान पर दस्तखत करने वालों जावेद अख्तर, नसीरुद्दीन शाह, शबाना आजमी, फिल्म निर्माता आनंद पटवर्धन और फिल्म लेखक अंजुम राजाबली शामिल हैं।

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बता दें कि एआईएमपीएलबी ने अपनी मीटिंग में ईशनिंदा कानून बनाने के अलावा सीएए कानून वापस लेने की भी मांग की थी। साथ ही बोर्ड ने कहा था कि एक समान नागरिक संहिता लाने के मोदी सरकार के किसी भी कदम का विरोध किया जाएगा। बोर्ड पहले ही तीन तलाक संबंधी कानून का विरोध करता रहा है। इसके अलावा सीएए के खिलाफ प्रदर्शन को भी उसके सदस्यों ने समर्थन दिया था।